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Thursday, October 30, 2025

Pushkar Mela 2025: पुष्कर मेले में छाया ‘राजस्थानी रंग’, डिप्टी CM दिया कुमारी का विदेशी सैलानियों संग घूमर!

OP-EDPushkar Mela 2025: पुष्कर मेले में छाया ‘राजस्थानी रंग’, डिप्टी CM दिया कुमारी का विदेशी सैलानियों संग घूमर!

Diya Kumari in Pushkar: राजस्थान के अजमेर जिले के पावन पुष्कर में आज (30 अक्टूबर 2025) विश्व प्रसिद्ध अंतरराष्ट्रीय पुष्कर मेले का रंगारंग शुभारंभ हो गया। आध्यात्मिकता, लोक-संस्कृति और व्यापार के इस अनोखे संगम में पहले ही दिन उत्साह चरम पर दिखा।

सबसे खास दृश्य तब देखने को मिला जब राजस्थान की उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी विदेशी महिला पर्यटकों और स्कूली छात्राओं का हाथ पकड़कर राजस्थानी धुनों पर डांस करती नजर आईं। घूमर की थाप पर उनका सहज और खिलखिलाता अंदाज़ देख आमजन और सैलानियों ने तालियों की गड़गड़ाहट से स्वागत किया। कई लोगों ने यह पल अपने मोबाइल कैमरों में कैद किया, जो देखते ही देखते सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बन गया।

हल्की बारिश में झंडारोहण

शुभारंभ से कुछ देर पहले आसमान से हल्की फुहारें बरसीं, जिसने माहौल को और खुशनुमा कर दिया। इसी दौरान डिप्टी सीएम दिया कुमारी ने विधिवत झंडारोहण कर मेले का उद्घाटन किया।

इस अवसर पर जल संसाधन मंत्री सुरेश रावत, अजमेर जिला प्रशासन के अधिकारी, पुलिस अधीक्षक और बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधि मौजूद रहे। राष्ट्रगान के साथ पूरा मेला मैदान देशभक्ति और उत्सव के भाव से सराबोर हो उठा।

 रंग-बिरंगी संस्कृति 

मेले के पहले दिन राजस्थान सहित देशभर से आए कलाकारों ने लोक-संस्कृति की झलक पेश की। ढोल-नगाड़ों की गूंज और मुरली की मधुर धुनों पर घूमर, चकरी, कालबेलिया और मटकी नृत्य की मनमोहक प्रस्तुतियों ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। विदेशी सैलानी भी ताल मिलाकर नृत्य करते नजर आए।

इसके साथ ही ऊंटों और घोड़ों की भव्य परेड ने भी सबका ध्यान अपनी ओर खींचा। पशुपालकों द्वारा खूबसूरती से सजाए गए ऊंट और घोड़े पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बने। लोग इन पशुओं के साथ फोटो खिंचवाकर यादें संजोते दिखे।

आने वाले दिनों में रंगारंग कार्यक्रमों की झड़ी

पुष्कर की धरती अगले कई दिनों तक धार्मिक अनुष्ठानों, व्यापारिक मेलों, सांस्कृतिक प्रस्तुतियों और रोमांचक प्रतियोगिताओं से गुलज़ार रहेगी। पशु-व्यापार, लोक-रंग, आध्यात्म और पर्यटन — सब कुछ एक ही मंच पर देखने को मिलेगा। पुष्कर मेला एक बार फिर साबित कर रहा है कि राजस्थान सिर्फ रेत और किलों का प्रदेश नहीं, बल्कि संस्कृति, परंपरा और जीवंतता की बेजोड़ ज़मीन है।

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