राजस्थान के सीकर जिले स्थित खाटूधाम में बाबा खाटूश्यामजी के जन्मोत्सव की तैयारियां पूरे जोर-शोर से चल रही हैं। देवउठनी एकादशी से शुरू होने वाले इस भव्य आयोजन में देशभर से लाखों श्रद्धालुओं के पहुंचने की संभावना है। श्रद्धालुओं की बढ़ती भीड़ को देखते हुए उत्तर पश्चिम रेलवे ने बड़ी सुविधा की घोषणा की है। रेलवे प्रशासन ने खाटूधाम आने वाले भक्तों के लिए चार अनारक्षित (जनरल) स्पेशल ट्रेनें चलाने का निर्णय लिया है, ताकि कोई भी श्रद्धालु बिना रिजर्वेशन के भी आसानी से यात्रा कर सके और बाबा श्याम के दर्शन का लाभ उठा सके।
इन स्पेशल ट्रेनों का संचालन 30 अक्टूबर से 3 नवंबर तक किया जाएगा। इसके अलावा, रेवाड़ी-रींगस और जयपुर-भिवानी मार्ग पर नवंबर महीने भर अतिरिक्त रेल सेवाएं जारी रहेंगी। सभी ट्रेनों का ठहराव रींगस रेलवे स्टेशन पर होगा, जो खाटू श्यामजी मंदिर से करीब 18 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। स्टेशन से मंदिर तक श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए हर समय वाहन आसानी से उपलब्ध रहेंगे, ताकि दर्शन के लिए आने-जाने में किसी तरह की दिक्कत न हो।
खाटू श्यामजी के लिए कुरुक्षेत्र से फुलेरा तक चलेंगी स्पेशल ट्रेनें
उत्तर पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी कैप्टन शशि किरण ने बताया कि बाबा खाटूश्यामजी के जन्मोत्सव के दौरान देशभर से लाखों श्रद्धालु दर्शन के लिए खाटूधाम पहुंचते हैं। श्रद्धालुओं की यात्रा को सुगम बनाने के लिए रेलवे की ओर से विशेष ट्रेनों का संचालन किया जा रहा है। इन स्पेशल ट्रेनों की जानकारी इस प्रकार है…
कुरुक्षेत्र-फुलेरा-कुरुक्षेत्र स्पेशल ट्रेन (18 जनरल कोच)
पहली स्पेशल ट्रेन नंबर 09711 कुरुक्षेत्र से 30 अक्टूबर से 2 नवंबर तक रोजाना रात 11:30 बजे रवाना होकर अगले दिन सुबह 8:30 बजे फुलेरा पहुंचेगी। वहीं, वापसी में ट्रेन नंबर 09712 फुलेरा से 31 अक्टूबर से 3 नवंबर
भक्तों के लिए नवंबर तक अतिरिक्त ट्रेनें
रेलवे के अनुसार, रेवाड़ी-रींगस-रेवाड़ी स्पेशल ट्रेन नवंबर महीने में 11 से 12 बार चलाई जाएगी। यह ट्रेन नीमकाथाना, कांवट और श्रीमाधोपुर जैसे प्रमुख स्टेशनों पर रुकेगी। वहीं, जयपुर-भिवानी-जयपुर स्पेशल ट्रेन पूरे नवंबर महीने तक चलेगी। इस ट्रेन का समय तय किया गया है — जयपुर से सुबह 7 बजे रवाना होगी और भिवानी से शाम 4:05 बजे लौटेगी।
खाटूधाम में उमड़ा भक्ति का माहौल
एक नवंबर को देवउठनी एकादशी के साथ खाटूधाम में बाबा खाटूश्यामजी के जन्मोत्सव मेले की शुरुआत होगी। इस मौके पर मंदिर को आकर्षक रोशनी और फूलों से सजाया जाएगा। पूरे धाम में भक्ति का माहौल रहेगा। जगह-जगह भजन संध्याएं, रात्रि जागरण और महाप्रसादी के आयोजन होंगे। पदयात्रियों के लिए सेवा शिविर लगाए जा रहे हैं, जबकि सड़कों पर शोभायात्राएं और भक्तों की भीड़ से पूरा क्षेत्र श्रद्धामय नजर आ रहा है।
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