राजस्थान की बेटी आर्ची पाखरोट ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर देश का गौरव बढ़ाया है। ब्यावर की इस युवा पहलवान ने कजाकिस्तान में हुई कजाख कुरैशी एशियन चैंपियनशिप में शानदार प्रदर्शन करते हुए भारत के लिए कांस्य पदक अपने नाम किया। आर्ची के दमदार खेल ने न सिर्फ राजस्थान, बल्कि पूरे देश का सिर गर्व से ऊंचा कर दिया।
56 किलो वर्ग में दमदार प्रदर्शन
आर्ची पाखरोट ने महिला वर्ग के 56 किलो भार वर्ग में दमदार प्रदर्शन करते हुए कांस्य पदक जीतकर भारत का मान बढ़ाया। उन्होंने पूरे मुकाबले में उत्कृष्ट तकनीक और जज़्बे का परिचय दिया। कजाकिस्तान में आयोजित कुरैशी एशियन चैंपियनशिप में भारत की ओर से कुल 18 खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया, जिनमें आर्ची का प्रदर्शन सबसे प्रभावशाली रहा। उनके इस उपलब्धि ने देश को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नई पहचान दिलाई है।
जूडो से शुरू हुआ सफर
आर्ची की सफलता से उनकी मां ममता गर्व से भावुक हैं। उन्होंने बताया कि आर्ची ने ब्यावर के भंवरलाल गोठी स्कूल में पढ़ाई के दौरान, कक्षा पांच से ही आत्मरक्षा के लिए जूडो का प्रशिक्षण शुरू किया था। शुरुआती संघर्षों और संसाधनों की कमी के बावजूद, आर्ची ने कभी हार नहीं मानी और पूरी लगन से अपने लक्ष्य की ओर बढ़ती रहीं। ममता का कहना है कि आर्ची की इस उपलब्धि के पीछे उनके दादा भगवान पाखरोट, दादी और बड़े भाई का भी महत्वपूर्ण योगदान रहा है, जिन्होंने हर कदम पर उसका साथ दिया।
ब्यावर में भव्य स्वागत की तैयारी
आर्ची की इस शानदार उपलब्धि के बाद, उनके स्वागत की तैयारियां जिले में जोर-शोर से चल रही हैं। जानकारी के अनुसार, आर्ची 31 अक्टूबर की रात तक भारत लौटेंगी। सबसे पहले वह जयपुर में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से मुलाकात करेंगी, जहां सीएम उन्हें सम्मानित करेंगे। इसके बाद आर्ची ब्यावर पहुंचेंगी, जहां ‘पहलवान बेटी
26 अक्टूबर को लिया था प्रतियोगिता में हिस्सा
गौरतलब है कि भारतीय टीम 24 अक्टूबर को कजाकिस्तान के लिए रवाना हुई थी। वहीं, आर्ची ने 26 अक्टूबर को प्रतियोगिता में हिस्सा लिया और अगले ही दिन शानदार प्रदर्शन करते हुए कांस्य पदक अपने नाम कर लिया।
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