पुष्कर मेले में शुक्रवार को ऊंट नृत्य और शृंगार प्रतियोगिताओं का शानदार आयोजन हुआ। ढोल-नगाड़ों की थाप पर सजे-धजे ऊंट जब थिरके तो विदेशी पर्यटक भी मंत्रमुग्ध हो उठे। ऊंट नृत्य प्रतियोगिता में झुंझुनूं के नेकीराम का ऊंट प्रथम स्थान पर रहा, जबकि सीकर के मांगीलाल के ऊंट ने शृंगार प्रतियोगिता में बाजी मारी। विजेता प्रतिभागियों को पर्यटन विभाग की ओर से सम्मानित किया गया।
पुष्कर मेले में पर्यटन विभाग की ओर से ऊंटों की रंगारंग प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। ढोल-नगाड़ों की थाप पर सजे-धजे ऊंट जब थिरकने लगे तो माहौल रोमांचक हो गया। पशुपालकों ने अपने ऊंटों को राजस्थानी पारंपरिक परिधानों और आभूषणों से आकर्षक रूप दिया, जिससे मेले में लोक संस्कृति की झलक बिखर गई।
जानकारी के अनुसार, इस बार पुष्कर मेला मैदान में हुई ऊंट नृत्य प्रतियोगिता में प्रतिभागियों की संख्या काफी कम रही। पर्यटन विभाग के अधिकारियों का मानना है कि बाहरी जिलों से ऊंटपालकों की कम भागीदारी इसकी प्रमुख वजह रही। प्रतियोगिता में सिर्फ तीन ऊंटों ने हिस्सा लिया, लेकिन ढोल की थाप बजते ही रेतीले मैदान में ऊंटों की लयबद्ध थिरकन ने दर्शकों का मन मोह लिया।

पशुपालकों ने अपने ऊंटों को पूरी तैयारी और जोश के साथ नचाया। जैसे ही रेतीले धोरों पर ऊंट थिरकने लगे, कैमल सफारी का आनंद ले रहे विदेशी पर्यटक भी हैरान रह गए। सभी ने अपने कैमरों में इन अद्भुत पलों को कैद किया। प्रतियोगिता में झुंझुनूं जिले के नेकीराम के ऊंट ने शानदार प्रदर्शन करते हुए प्रथम स्थान हासिल किया।
वहीं, सीकर जिले के शीशपाल का दूसरे तथा झुंझुनूं के ही कपिल का ऊंट तीसरे स्थान पर रहा। पर्यटन विभाग के उपनिदेशक कृष्ण कुमार, पर्यटन अधिकारी प्रद्युम्न ने तीनों को नकद पुरस्कार और प्रशिस्त पत्र देकर सम्मानित किया।
ऊंट शृंगार प्रतियोगिता
ऊंट शृंगार प्रतियोगिता ने दर्शकों का खूब मन मोह लिया। लाल, पीले और हरे रंग की झिलमिल लटकनों और कांच की सजावट से सजे 11 ऊंट जब मंच पर पहुंचे, तो तालियों की गूंज से माहौल जीवंत हो उठा। रंग-बिरंगी पोशाकों में सजे इन ऊंटों को देखकर पर्यटक भी खुद को रोक नहीं पाए और कतारबद्ध खड़े ऊंटों के साथ फोटो खिंचवाने लगे।
प्रतियोगिता में सीकर जिले के मांगीलाल के ऊंट ने पहला स्थान हासिल किया। वहीं, पुष्कर के चावंडिया गांव के अशोक का ऊंट दूसरे और गनाहेड़ा गांव के गुमान सिंह का ऊंट तीसरे स्थान पर रहा। उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले तीनों ऊंट मालिकों को पर्यटन विभाग की ओर से पुरस्कार और प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।
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