CBI ने कस्टम अधिकारी रतिराम मीना के जयपुर, अहमदाबाद और अंकलेश्वर स्थित ठिकानों पर बड़े पैमाने पर कार्रवाई की है। टीम को छापे के दौरान करोड़ों रुपए की अघोषित संपत्ति मिली है। जांच में सोने-चांदी के गहने, प्रॉपर्टी के दस्तावेज, दो लॉकर और निवेश से जुड़े कई महत्वपूर्ण कागजात जब्त किए गए हैं।
CBI की शुरुआती जांच में सामने आया है कि मीना ने अपनी काली कमाई को छिपाने के लिए पत्नी और बेटे के नाम से फर्म बनाकर करोड़ों रुपए का निवेश किया। इसके अलावा महंगी गाड़ियों और हाई ब्रीड डॉग्स का शौक भी सामने आया है।
सूत्रों के मुताबिक, छापेमारी में लगभग 35 लाख रुपए के जेवरात बरामद हुए हैं। CBI की टीम ने जयपुर के जगतपुरा स्थित उनके निवास पर भी तलाशी ली, जहां कई सबूत मिले। छापेमारी के दौरान मीना ने अधिकारियों को प्रभावित करने की कोशिश भी की, लेकिन टीम ने सख्ती से कार्रवाई जारी रखी।
जांच में पता चला कि मीना ने पत्नी मोहिनी मीना और बेटे गौरव मीना के नाम पर 8 से ज्यादा कंपनियां और फर्म बनाई थीं, जिनमें शिपॉन्क ऑनलाइन सर्विसेज LLP और जय नरसिंह इम्पोर्ट-एक्सपोर्ट भी शामिल हैं। अब तक 2 करोड़ 54 लाख 72 हजार 219 रुपए की संपत्तियों, प्लॉट, दुकानों, कृषि भूमि, म्युचुअल फंड, पीपीएफ और फिक्स डिपॉजिट में निवेश का खुलासा हुआ है।
मीना 2018 से 2025 के बीच जयपुर और अहमदाबाद में CGST असिस्टेंट कमिश्नर रहे हैं। वर्तमान में वह जैसलमेर में सहायक कस्टम आयुक्त के रूप में तैनात हैं। CBI ने आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज कर आगे की जांच शुरू कर दी है। लॉकर खोलने और दस्तावेजों की जांच के बाद और भी बड़ी संपत्तियों के खुलासे की संभावना है।
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