MLM Scam: सोशल मीडिया पर इन दिनों रवि शर्मा का एक वीडियो वायरल है, जिसमें वह मंच पर अपने नेटवर्क मार्केटिंग बिजनेस का 100 करोड़ रुपये महीना टर्नओवर, 6 लाख रुपये GST और रॉल्स रॉयस, Mercedes, BMW, Audi जैसी लग्जरी गाड़ियों का मालिकाना गर्व से बताता है. वह भीड़ से कहता है लोग जुटाओ, Rolls Royce या हेलीकॉप्टर से अगले प्रोग्राम में आऊंगा. छात्र और युवा ऐसे वीडियो देखकर MLM (मल्टीलेवल मार्केटिंग) के सपनों के टूटते-बनते जाल में उलझ जाते हैं. नेटवर्क मार्केटिंग, पिरामिड स्कीम्स और MLM की चमक-दमक के पीछे एक बड़ा टॉप-डाउन फ्रॉड छिपा है. जहां युवाओं को टास्क दिया जाता है कि वो अगले 3 लोग जुड़े और उन 3 को अगले 3 जोड़ने के लिए मोटिवेट करें. यही ‘चेन सिस्टम’ उनकी ग्रोथ का रास्ता बताया जाता है, जिसमें चेन का अंतिम आदमी अगर किसी को जोड़ेगा तो चेन के पहले शख्स को भी मुनाफा होगा. लेकिन इसकी असलियत कुछ और है.
सपनों के बाजार में फंसा युवा
रवि शर्मा जैसे नेटवर्किंग स्टार्स अपने बिजनेस, लग्जरी कार, ब्रांडेड घड़ी, और “करोड़ों” के दावे के साथ युवाओं को महंगे होटल, सेमिनार और फटाफट फॉर्मूले की बाहरी चमक दिखाते हैं. इसका प्रमुख लक्ष्य कोचिंग-कॉलेज के बेरोजगार या पैसिव इनकम चाहते छात्रों को “आसान कमाई” के जाल में फंसाना होता है. स्टार्टअप जैसा पैकेज, दो नए लोगों को जोड़ो, कमिशन पाओयही पुराना ट्रिक है. Ebiz, Amway, Oriflame, RCM जैसी नेटवर्किंग कंपनियों के केस यही बताते हैं जहां लाखों युवाओं ने शुरुआती फीस, किट या “सब्सक्रिप्शन” देकर अपना पैसा डुबाया. और जब सिस्टम टूटता है, तो सिर्फ चेन के ऊपर के लोग बचते हैं, नीचे के लेवल वालों का पैसा, रिश्ते, समय और आत्म-विकास सब खत्म हो जाता है.
नेटवर्क मार्केटिंग की असलियत
MLM सिस्टम में इनकम का मूल स्रोत प्रोडक्ट या सर्विस की बिक्री नहीं, बल्कि नए लोगों को जोड़ने और उनसे फीस वसूलने में छिपा होता है. पिरामिड चेन में जैसे-जैसे नए सदस्य जुड़ते हैं, ऊपर के लोग लाभ में रहते हैं, नीचे वालों को रेफरल बोनस का झांसा मिलता है, लेकिन अंत में फंडिंग टूटते ही नीचे के लोग फंस जाते हैं.
भारत में MLM और कानून: क्या कहते हैं नियम?
भारत में Multi-Level Marketing, पिरामिड स्कीम्स और चेन मार्केटिंग किसी भी रूप में “Prize Chits and Money Circulation (Banning) Act, 1978” के तहत साफ तौर पर अवैध घोषित हैं. इस एक्ट के मुताबिक ऐसे बिजनेस मॉडल्स में सदस्यता शुल्क, इनकम या फ्रॉड पैसे स्वीकारना संज्ञेय अपराध है. पुलिस शिकायत या कानूनन कार्रवाई तय है.
RBI की जरूरी सलाह
“मल्टी-लेवल मार्केटिंग और पिरामिड चेन स्कीमें जल्दी/आसान पैसे कमाने का लालच देती हैं, असल में इनका सारा बिजनेस नए लोगों से भारी फीस लेने पर चलता है. नेटवर्क में ऊपर के सदस्य लाभकारी होते हैं, नीचे के लेवल के सदस्य ज्यादातर नुकसान उठाते हैं. चेन टूटने या रुकने पर पूरा पिरामिड ढह जाता है. ऐसे ऑफर्स से दूर रहे ऐसा लालच सीधा आर्थिक नुकसान है. किसी भी ऐसी स्कीम या शक की स्थिति में तुरंत राज्य पुलिस में शिकायत दर्ज कराएं.”
क्यूं फंसता है युवा?
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