Rajasthan Politics: राजस्थान की सियासी जमीन पर तीसरी ताकत बनने की कोशिश में जुटी राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (RLP) अब बीकानेर संभाग को अपना नया केंद्र बनाने में जुट गई है। हनुमान बेनीवाल पिछले 7 वर्षों से कांग्रेस और भाजपा के विकल्प के रूप में प्रदेश में अपनी पार्टी को मजबूत करने का प्रयास कर रहे हैं। भले ही वर्तमान विधानसभा में RLP का कोई विधायक नहीं है, लेकिन पिछली बार तीन सीटों पर जीत और नागौर से गठबंधन के तहत सांसद रहकर पार्टी सक्रियता बनाए हुए है।
बीकानेर में बढ़ती मौजूदगी
बेनीवाल ने भले बीकानेर में कार्यक्रम को सामान्य कार्यकर्ताओं की मांग बताया हो, लेकिन उनकी लगातार यात्राएं और संगठनात्मक हलचल साफ संकेत देती हैं कि RLP यहां अपनी पकड़ मजबूत करने में लगी है। कोलायत सहित जिले की कई सीटों पर पिछली बार अच्छा प्रदर्शन करते हुए RLP ने प्रभाव दिखाया था।
डूडी के निधन के बाद खाली जगह भरने की कोशिश?
बीकानेर जिले में पूर्व नेता प्रतिपक्ष रामेश्वर डूडी के निधन के बाद किसान वर्ग में नेतृत्व का खालीपन महसूस किया जा रहा है। राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि बेनीवाल इसी खाली जगह को भरने का प्रयास कर रहे हैं। खुद बेनीवाल का कहना है कि वह पहले भी क्षेत्र में सक्रिय रहे हैं और यह नई बात नहीं है।
पंचायत चुनाव में उतरेगी असली परीक्षा
बेनीवाल ने साफ कर दिया है कि दिल्ली में गठबंधन कांग्रेस के साथ रहेगा, लेकिन राजस्थान में RLP अपने दम पर चुनाव लड़ेगी। पंचायत राज चुनावों में दमदार उपस्थिति RLP के लिए विधानसभा चुनाव से पहले एक बड़ा टेस्ट होगी। बीकानेर में पार्टी की रणनीति और टिकटों से नाराज नेताओं को साधने की योजना भाजपा-कांग्रेस दोनों के लिए चिंता का कारण बन सकती है।
RLP का असर और समीकरण
बीकानेर की 5 ग्रामीण सीटों पर RLP पहले भी मैदान में रही है और अब बढ़ती सक्रियता दोनों ही राष्ट्रीय दलों के लिए चुनौती बन सकती है। पार्टी पंचायत चुनावों के बहाने जनता के मूड को समझने की कोशिश करेगी।
विश्लेषकों की राय
वरिष्ठ पत्रकार के मुताबिक, बेनीवाल जाट राजनीति के खाली हुए नेतृत्व स्पेस को भरने की कोशिश कर रहे हैं। यदि वे इसमें सफल रहे तो 2028 के विधानसभा चुनाव में RLP प्रदेश की तीसरी मजबूत ताकत के रूप में उभर सकती है।
2023 के आंकड़े बताते हैं बढ़ता प्रभाव
बीकानेर संभाग की सुजानगढ़, बीकानेर पूर्व, श्रीकोलायत और पीलीबंगा सहित कई सीटों पर RLP उम्मीदवार तीसरे नंबर पर रहे थे। श्रीकोलायत में RLP को 27,854 वोट मिले और वह जीत के बेहद करीब रही। इन आंकड़ों से साफ है कि RLP को नजरअंदाज करना अब भाजपा और कांग्रेस के लिए आसान नहीं होगा।
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