जयपुर। राजस्थान में चल रही निजी बस संचालकों की हड़ताल का समाधान फिलहाल नहीं निकल पाया है। सोमवार को बस संचालकों का प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से मिला और अपनी मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा, लेकिन वार्ता किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सकी। इसके बाद संचालकों ने डिप्टी सीएम प्रेमचंद बैरवा से भी मुलाकात की, हालांकि बातचीत बेनतीजा रहने के चलते हड़ताल जारी रहेगी।
बस एसोसिएशन का कहना है कि वे सुरक्षा मानकों का पालन करने के लिए तैयार हैं, लेकिन परिवहन विभाग द्वारा की जा रही सख्त कार्रवाई और 2 लाख रुपए तक के चालान को अनुचित बताया है। संचालकों की मुख्य मांग है कि जिन बसों में मॉडिफिकेशन को लेकर खामियां हैं, उन्हें सुधारने के लिए कुछ समय दिया जाए।
“बसें जब्त की गईं तो सेवाएं ठप हो जाएंगी”
प्रतिनिधिमंडल में जयपुर, जोधपुर, कोटा और जैसलमेर के प्रमुख संचालक शामिल थे। संचालकों ने चेतावनी दी कि एक साथ बसों को जब्त करना या भारी चालान थोपना परिवहन व्यवस्था को पूरी तरह ठप कर देगा। उन्होंने कहा कि सुधार की प्रक्रिया के लिए समय देना जरूरी है।
यात्रियों को हो रही परेशानी
हड़ताल की वजह से पिछले दो दिनों से कई जिलों में निजी बसें नहीं चल पा रही हैं। इससे यात्रियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। स्टेशन और रोडवेज बस स्टैंड पर यात्रियों की भीड़ बढ़ गई है और कई लोगों को वैकल्पिक साधन तलाशने पड़ रहे हैं।
जैसलमेर हादसे के बाद कड़ी कार्रवाई
जैसलमेर बस हादसे के बाद परिवहन विभाग ने राज्यभर में बसों की जांच और कार्रवाई तेज कर दी थी। इसके विरोध में ऑल इंडिया टूरिस्ट बस एसोसिएशन ने हड़ताल का ऐलान किया है। संचालक कहते हैं कि वे खामियों को दूर करने को तैयार हैं, लेकिन बिना समय दिए कार्रवाई करना उचित नहीं है। सरकार की सख्ती और संचालकों के विरोध के बीच समाधान का रास्ता अभी स्पष्ट नहीं है। फिलहाल निजी बसों की सेवाएं प्रभावित रहने की संभावना बनी हुई है।
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