Rajasthan Politics: अंता विधानसभा उपचुनाव (Anta By-Election 2025) को लेकर राजनीतिक गर्मी चरम पर है। मंगलवार को पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे (Vasundhara Raje) बारां पहुंचीं, जहां उन्होंने चुनावी सभा को संबोधित करते हुए विपक्ष पर हमला बोला और भाजपा उम्मीदवार के पक्ष में माहौल बनाया।
राजे ने कहा कि अंता का उपचुनाव धनबल और जनबल की सीधी लड़ाई है, और उन्हें भरोसा है कि जनता एक बार फिर जनबल को जीत दिलाएगी। उन्होंने कहा, “हमेशा जनता की ताकत बड़ी रही है। इस बार भी अंता की जनता धनबल के प्रभाव को तोड़ते हुए हमारे स्थानीय उम्मीदवार मोरपाल सुमन को विजयी बनाएगी।”
‘जनता का कर्जा चुकाने का समय’ — राजे
राजे ने दावा किया कि अंता क्षेत्र की जनता काफी समय से स्थानीय प्रत्याशी की मांग कर रही थी, और भाजपा ने इस इच्छा का सम्मान करते हुए मोरपाल सुमन को टिकट दिया है। उन्होंने मतदाताओं से अपील की कि मोरपाल को ‘घर का व्यक्ति’ समझते हुए समर्थन दें।
राजे ने कहा, “लोगों ने हम पर भरोसा किया और यह विश्वास हमारे लिए कर्ज है। यह कर्ज हमें चुकाना होगा और मोरपाल को भारी जनसमर्थन से विजयी बनाना होगा।” उन्होंने कहा कि मोरपाल की जीत से अंता की जनता को तीन प्रतिनिधि मिलेंगे—खुद मोरपाल, सांसद दुष्यंत (उनके बेटे) और वह स्वयं।
अंता में मुकाबला तीखा
भाजपा ने स्थानीय और संगठनात्मक पकड़ को ध्यान में रखते हुए मोरपाल सुमन को मैदान में उतारा है। उनका सामना कांग्रेस और निर्दलीय उम्मीदवारों से है, जिससे अंता में चुनावी मुकाबला दिलचस्प बन चुका है।
कौन हैं मोरपाल सुमन? अंता उपचुनाव में BJP का स्थानीय दांव
अंता विधानसभा उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने स्थानीय और ज़मीनी नेतृत्व को प्राथमिकता देते हुए मोरपाल सुमन पर भरोसा जताया है। मोरपाल सुमन इस समय बारां पंचायत समिति के प्रधान हैं और माली समाज से आते हैं, जो अंता क्षेत्र का प्रभावी सामाजिक वर्ग माना जाता है। खास बात यह है कि उनकी पत्नी नटी बाई भी मौजूदा सरपंच हैं, जिससे उनका पारिवारिक राजनीतिक नेटवर्क और भी मजबूत दिखता है। संगठन में मोरपाल सुमन की लम्बी राजनीतिक पृष्ठभूमि रही है। उन्होंने 1992 में युवा मोर्चा देहात मंडल अध्यक्ष के रूप में राजनीतिक यात्रा शुरू की थी।
इसके बाद वे भाजपा ओबीसी मोर्चा जिलाध्यक्ष, सरपंच, जिलामंत्री और वर्ष 2016 से लगातार जिला महामंत्री जैसे अहम पदों पर कार्य कर चुके हैं। मोरपाल सुमन व्यापार और किराना संघ से भी जुड़े रहे हैं। उनकी पहचान एक शांत, सरल और ज़मीनी नेता की है, जो RSS विचारधारा से जुड़े माने जाते हैं। इन्हीं कारणों से भाजपा ने उन्हें स्थानीय और लोकप्रिय चेहरे के रूप में टिकट दिया है। अंता में मुकाबला इस बार त्रिकोणीय है। भाजपा के मोरपाल सुमन का सामना कांग्रेस के प्रमोद जैन भाया और निर्दलीय नरेश मीणा से हो रहा है, जिससे यह चुनाव और दिलचस्प बन गया है।
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