28.6 C
Jaipur
Wednesday, November 5, 2025

Rajasthan: डूंगरपुर में मौत के एक साल बाद आत्मा को दीपक बनाकर घर ले गए परिजन, परंपरा जान कांप उठेगी रूह

NewsRajasthan: डूंगरपुर में मौत के एक साल बाद आत्मा को दीपक बनाकर घर ले गए परिजन, परंपरा जान कांप उठेगी रूह

राजस्थान के डूंगरपुर जिले से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। यहां एक मेडिकल कॉलेज में इलाज के दौरान एक वर्ष पहले 27 वर्षीय रामलाल की मौत हो गई थी। अब उसकी बरसी पर परिजन दोबारा अस्पताल पहुंचे और धार्मिक परंपरा के अनुसार पूजा-पाठ कर उसकी आत्मा की शांति के लिए दीपक जलाया। परिजनों का कहना है कि वे रामलाल की आत्मा को प्रतीकात्मक रूप से दीपक के रूप में घर लेकर गए। इस अनोखी रस्म को देखकर अस्पताल कर्मी और मौजूद लोग हैरान रह गए।

राजस्थान के डूंगरपुर जिले में आदिवासी समाज की एक अनोखी परंपरा चर्चा का विषय बनी हुई है। यहां मेडिकल कॉलेज में एक परिवार ने पूजा-अर्चना कर मृतक की आत्मा को प्रतीकात्मक रूप से दीपक के रूप में घर ले जाने की रस्म निभाई। यह परंपरा आदिवासी समाज में पीढ़ियों से चली आ रही है, हालांकि कई लोग इसे अंधविश्वास भी मानते हैं। परिजनों का कहना है कि इस विधि से आत्मा को शांति मिलती है और घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है। अस्पताल में हुई इस घटना को देखने वाले लोग आश्चर्यचकित रह गए।

tribal community captured the spirit

दीपक के प्रतीक के रूप में आत्मा को लेकर गए घर

डूंगरपुर जिले से सामने आया यह अनोखा मामला लोगों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है। बताया जा रहा है कि मंगलवार को गलियाकोट तहसील के महुआवाड़ा निवासी मणिलाल अपने परिवार के साथ डूंगरपुर मेडिकल कॉलेज पहुंचे। यहां उन्होंने उस स्थान पर पूजा-अर्चना की, जहां पिछले साल 27 वर्षीय रामलाल की इलाज के दौरान मौत हुई थी। इसके बाद परिवार ने पारंपरिक रीति से एक दीपक जलाया, जिसे आत्मा का प्रतीक मानते हुए ढोल-नगाड़ों के साथ घर लेकर गए। आदिवासी समाज की इस प्रथा को लोग आस्था और परंपरा से जोड़कर देख रहे हैं।

क्यों होती है आत्मा की पूजा?

डूंगरपुर के आदिवासी इलाकों में आज भी कई पारंपरिक रीति-रिवाज निभाए जाते हैं। इन्हीं में से एक परंपरा मृतक की आत्मा को प्रतीकात्मक रूप से घर लाने की मानी जाती है। आदिवासी समाज की मान्यता है कि ऐसा करने से घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है और किसी तरह का अनिष्ट नहीं होता। इस प्रथा के तहत व्यक्ति की मृत्यु जिस स्थान पर होती है, वहीं पूजा-अर्चना के बाद दीपक जलाया जाता है, जिसे आत्मा का प्रतीक माना जाता है। इसके बाद परिवारजन ढोल-नगाड़ों के साथ उस दीपक को घर लेकर आते हैं और विधि-विधान से उसकी पूजा करते हैं।

यह भी पढ़ें:- दौसा में शादी बनी ठगी का सौदा! बिचौलिए की साजिश में फंसा दूल्हा, दुल्हन नकदी और गहने लेकर रफूचक्कर

Check out our other content

Check out other tags:

Most Popular Articles