राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन (RCA) में जारी आंतरिक खींचतान थमने का नाम नहीं ले रही है, जिसका सीधा असर खिलाड़ियों पर पड़ रहा है। ताजा विवाद के चलते रणजी ट्रॉफी और अंडर-23 टूर्नामेंट के लिए राजस्थान की दो अलग-अलग टीमें घोषित कर दी गई हैं। एक टीम का चयन एडहॉक कमेटी के संयोजक डीडी कुमावत ने किया है, जबकि दूसरी टीम की घोषणा कमेटी के सदस्य धनंजय सिंह खींवसर, पिंकेश जैन, मोहित यादव और आशीष तिवारी ने की है।डीडी कुमावत का कहना है कि वे एडहॉक कमेटी के अधिकृत संयोजक हैं, इसलिए उनके द्वारा घोषित टीम ही मान्य होगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि चयनकर्ताओं की नियुक्ति पिछली एजीएम में की गई थी, और यदि किसी सदस्य को आपत्ति थी, तो उसे उसी समय दर्ज कराना चाहिए था।

8 नवंबर को हैदराबाद के खिलाफ मुकाबला
आरसीए में चल रहे विवाद का खामियाजा अब खिलाड़ियों को भुगतना पड़ सकता है। राजस्थान की टीम का अगला रणजी मुकाबला 8 नवंबर को हैदराबाद के खिलाफ होना है, लेकिन दो अलग-अलग टीमों की घोषणा के बाद यह स्थिति स्पष्ट नहीं है कि आखिर मैदान पर कौन सी टीम खेलेगी। इस असमंजस के कारण खिलाड़ियों में भी भ्रम और चिंता का माहौल बना हुआ है।
संयोजक डीडी कुमावत के निर्णय का विरोध करते हुए एडहॉक कमेटी के सदस्य पिंकेश जैन ने कहा कि समिति में किसी तरह का मतभेद नहीं है, लेकिन टीम चयन को लेकर कन्वीनर का फैसला उचित नहीं है। उनका कहना है कि बहुमत से चुनी गई टीम ही मान्य होनी चाहिए और कमेटी को भी बहुमत के सिद्धांत पर काम करना चाहिए। जैन ने यह भी स्पष्ट किया कि वे बातचीत के माध्यम से विवाद का समाधान निकालने के पक्ष में हैं।
साल 2007 और 2008 में भी मैदान पर पहुंचीं थी 2 टीमें