Girraj malinga case: राजस्थान के धौलपुर से पूर्व विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। इंजीनियर हर्षाधिपति के साथ मारपीट प्रकरण में राजस्थान हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली उनकी याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है। अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि इस मामले की सुनवाई अब जयपुर जिला कोर्ट में ही होगी, जहां अभियोजन पक्ष सबूतों के आधार पर दलीलें पेश करेगा।
हाईकोर्ट के आदेश में दखल की जरूरत नहीं
सुप्रीम कोर्ट जस्टिस एम.एम. सुंदरेश और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की खंडपीठ ने कहा कि हाईकोर्ट के आदेश में हस्तक्षेप की कोई आवश्यकता नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने साफ तौर पर कहा कि सुनवाई में अब किसी भी प्रकार की देरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इस केस में इंजीनियर हर्षाधिपति की ओर से एडवोकेट आदित्य जैन ने पैरवी की।
सरकारी कार्य में बाधा का मामला
मामला मार्च 2022 का है, जब धौलपुर के बारी डिस्कॉम कार्यालय में इंजीनियर हर्षाधिपति और एक जूनियर इंजीनियर के साथ कथित मारपीट हुई थी। आरोप है कि गिर्राज मलिंगा ने सरकारी कार्य में बाधा डाली और अधिकारियों के साथ दुर्व्यवहार किया। घटना की गंभीरता को देखते हुए राजस्थान हाईकोर्ट ने जुलाई 2025 में केस को धौलपुर से जयपुर जिला कोर्ट ट्रांसफर किया था। इसी आदेश को मलिंगा ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।
गवाहों की सुरक्षा के लिए सख्त निर्देश
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस केस में पर्याप्त सबूत मौजूद हैं और ट्रायल कोर्ट को समयबद्ध सुनवाई करनी होगी। अदालत ने जयपुर पुलिस आयुक्त को निर्देश दिए हैं कि सभी गवाहों की सुरक्षा और निगरानी सुनिश्चित की जाए, ताकि सुनवाई निष्पक्ष रूप से पूरी हो सके।
राजस्थान के धौलपुर से पूर्व विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। इंजीनियर हर्षाधिपति के साथ मारपीट प्रकरण में राजस्थान हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली उनकी याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है। अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि इस मामले की सुनवाई अब जयपुर जिला कोर्ट में ही होगी, जहां अभियोजन पक्ष सबूतों के आधार पर दलीलें पेश करेगा।
हाईकोर्ट के आदेश में दखल की जरूरत नहीं
जस्टिस एम.एम. सुंदरेश और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की खंडपीठ ने कहा कि हाईकोर्ट के आदेश में हस्तक्षेप की कोई आवश्यकता नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने साफ तौर पर कहा कि सुनवाई में अब किसी भी प्रकार की देरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इस केस में इंजीनियर हर्षाधिपति की ओर से एडवोकेट आदित्य जैन ने पैरवी की।
सरकारी कार्य में बाधा का मामला
मामला मार्च 2022 का है, जब धौलपुर के बारी डिस्कॉम कार्यालय में इंजीनियर हर्षाधिपति और एक जूनियर इंजीनियर के साथ कथित मारपीट हुई थी। आरोप है कि गिर्राज मलिंगा ने सरकारी कार्य में बाधा डाली और अधिकारियों के साथ दुर्व्यवहार किया। घटना की गंभीरता को देखते हुए राजस्थान हाईकोर्ट ने जुलाई 2025 में केस को धौलपुर से जयपुर जिला कोर्ट ट्रांसफर किया था। इसी आदेश को मलिंगा ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।
गवाहों की सुरक्षा के लिए सख्त निर्देश
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस केस में पर्याप्त सबूत मौजूद हैं और ट्रायल कोर्ट को समयबद्ध सुनवाई करनी होगी। अदालत ने जयपुर पुलिस आयुक्त को निर्देश दिए हैं कि सभी गवाहों की सुरक्षा और निगरानी सुनिश्चित की जाए, ताकि सुनवाई निष्पक्ष रूप से पूरी हो सके।
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