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Monday, December 1, 2025

13 साल बाद जेल से बाहर आया आसाराम, अस्पताल के बाहर उमड़ी भारी भीड़ — फूल-मालाओं और जयकारों के बीच हुआ स्वागत

News13 साल बाद जेल से बाहर आया आसाराम, अस्पताल के बाहर उमड़ी भारी भीड़ — फूल-मालाओं और जयकारों के बीच हुआ स्वागत

यौन उत्पीड़न के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे आसाराम को राजस्थान और गुजरात हाईकोर्ट से छह माह की अंतरिम जमानत मिलने के बाद शुक्रवार रात आरोग्यं अस्पताल से रिहा कर दिया गया। करीब 13 वर्ष बाद आसाराम सार्वजनिक रूप से अपने पुराने अंदाज़ में नजर आया। इस दौरान उसने सफेद साफा, लाल गुलाबों की माला धारण की और उपस्थित अनुयायियों का हाथ जोड़कर अभिवादन स्वीकार किया। अदालत के आदेश के तहत उसे पुलिस हिरासत से भी मुक्त कर दिया गया। आरोग्यं अस्पताल के संचालक डॉ. अरुण त्यागी ने बताया कि चिकित्सकीय प्रक्रिया पूरी होने के बाद शुक्रवार देर शाम आसाराम को डिस्चार्ज कर दिया गया।

शुक्रवार को दिनभर बड़ी संख्या में श्रद्धालु आरोग्यं अस्पताल के बाहर आसाराम की एक झलक पाने के लिए इंतजार करते रहे। देर रात करीब 10 बजे के बाद जब आसाराम अस्पताल से बाहर आया, तो वहां मौजूद भीड़ ने फूल-मालाओं से उसका स्वागत किया और जयकारे लगाए। इसके बाद वह सीधे जोधपुर के पाल गांव स्थित अपने आश्रम पहुंचा, जहां पहले से ही सैकड़ों भक्त एकत्र थे। आश्रम परिसर में उसका पारंपरिक तरीके से स्वागत किया गया। संभावना जताई जा रही है कि जल्द ही आसाराम अहमदाबाद भी जा सकता है, क्योंकि गुजरात हाईकोर्ट से भी उसे अंतरिम जमानत मिल चुकी है।

Devotees welcome Asaram after he is released on bail.

जनवरी से जमानत का सिलसिला

वर्ष 2013 से जोधपुर जेल में बंद आसाराम को अब तक अदालतों से कोई राहत नहीं मिली थी। उसने निचली अदालत से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक कई बार जमानत की अर्जी दी, लेकिन हर बार याचिका खारिज हो गई। इस वर्ष 14 जनवरी को पहली बार कोर्ट ने उसे अस्थायी राहत दी, जिसके बाद वह इलाज के लिए जेल से बाहर आया। समय-समय पर उसकी जमानत अवधि बढ़ाई जाती रही, पर हाल ही में अवधि समाप्त होने पर उसे पुनः जेल लौटना पड़ा। स्वास्थ्य बिगड़ने पर अस्पताल में भर्ती किए जाने के दौरान ही पहले राजस्थान हाईकोर्ट और उसके बाद गुजरात हाईकोर्ट ने छह माह की अंतरिम जमानत मंजूर की।

प्राकृतिक जीवन तक कैद

जोधपुर में वर्ष 2013 में नाबालिग छात्रा ने आसाराम पर मथानियां स्थित आश्रम में यौन शोषण का आरोप लगाया था। इस मामले की एफआईआर दिल्ली में दर्ज की गई, जिसे बाद में मथानियां थाने को स्थानांतरित कर दिया गया। जांच के दौरान जोधपुर पुलिस ने सितंबर 2013 में आसाराम को छिंदवाड़ा के आश्रम से गिरफ्तार कर जोधपुर लाया और सेंट्रल जेल में बंद कर दिया। लंबी न्यायिक प्रक्रिया के बाद 25 अप्रैल 2018 को जोधपुर की विशेष अदालत ने आसाराम को दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई।

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