Rajasthan mining auction 2025: मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में राजस्थान सरकार ने खान एवं भूविज्ञान क्षेत्र में एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। जोधपुर जिले के बिलाड़ा क्षेत्र में लाइमस्टोन के 8 मेजर मिनरल प्री-एम्बेडेड ब्लॉकों की ई-नीलामी प्रक्रिया औपचारिक रूप से शुरू कर दी गई है। सभी जरूरी अनुमतियां पहले से मिलने के कारण, राजस्थान ऐसा करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है।
ई-नीलामी की प्रक्रिया शुरू
मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार राजस्थान स्टेट मिनरल एक्सप्लोरेशन ट्रस्ट (RSMET) को इस प्रक्रिया का नोडल संगठन बनाया गया है। आरएसएमईटी ने माइनिंग प्लान, पर्यावरण स्वीकृति, वन अनुमति और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की क्लियरेंस सहित सभी जरूरी मंजूरियां पहले ही प्राप्त कर ली हैं। इसके बाद 7 नवंबर से भारत सरकार के एमएसटीसी प्लेटफॉर्म पर ई-नीलामी शुरू हो चुकी है।
नीलामी की तिथियां
नीलामी से संबंधित बिड डॉक्यूमेंट 24 नवंबर तक एमएसटीसी पोर्टल पर उपलब्ध रहेगा, जबकि 12 दिसंबर को बिड लगाने की अंतिम तिथि तय की गई है। सरकार को उम्मीद है कि इन ब्लॉकों के परिचालन से राजस्व वृद्धि, निवेश आकर्षण और बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर पैदा होंगे।
अब तुरंत होगा काम
खान विभाग के प्रमुख सचिव टी. रविकांत ने बताया कि सामान्य तौर पर नीलामी के बाद परिचालन शुरू करने में ढाई से तीन वर्ष लगते हैं। मगर ‘प्री-एम्बेडेड मॉडल’ के तहत अब यह प्रक्रिया बेहद तेज़ होगी और खनन कार्य तुरंत शुरू किया जा सकेगा।
केंद्र के निर्देशों पर सबसे आगे राजस्थान
केंद्र सरकार ने एमएमडीआर एक्ट में संशोधन करते हुए राज्यों को कम से कम पांच ‘प्री-एम्बेडेड ब्लॉक’ तैयार करने के निर्देश दिए थे। राजस्थान ने न केवल इस लक्ष्य को पूरा किया, बल्कि 8 ब्लॉकों की नीलामी शुरू कर पूरे देश में मॉडल स्टेट के रूप में उदाहरण पेश किया है। इसके लिए आरएसएमईटी को ‘प्रोजेक्ट मॉनिटरिंग यूनिट (PMU)’ घोषित किया गया है।
क्या है ‘प्री-एम्बेडेड मॉडल’
इस मॉडल में ब्लॉकों की नीलामी से पहले ही सभी प्रशासनिक, पर्यावरणीय और तकनीकी अनुमतियां पूरी कर ली जाती हैं। इससे निवेशक को नीलामी जीतते ही सीधे खनन कार्य शुरू करने की सुविधा मिलती है। यह ‘ईज ऑफ डूइंग बिज़नेस’ को नई दिशा देने वाला कदम है, जिससे उद्योग, राजस्व और रोजगार तीनों क्षेत्रों में तेज़ी आने की उम्मीद है।
मुख्यमंत्री ने जताया भरोसा
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि इस पहल से राज्य के खान क्षेत्र को नई पहचान मिलेगी। “यह न केवल खनिज आपूर्ति प्रणाली को सशक्त करेगा बल्कि स्थानीय युवाओं के लिए हजारों रोजगार अवसर भी सृजित करेगा,”
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