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Monday, December 1, 2025

राजस्थान सरकार का बड़ा फैसला अब तीन संतान वाले कर्मचारियों को भी मिलेगा प्रमोशन; 42 आरटीएस अफसर बने RAS

Newsराजस्थान सरकार का बड़ा फैसला अब तीन संतान वाले कर्मचारियों को भी मिलेगा प्रमोशन; 42 आरटीएस अफसर बने RAS

Rajasthan News: राजस्थान सरकार ने राज्य के कर्मचारियों और अधिकारियों के लिए एक ऐतिहासिक निर्णय लिया है। पिछले 23 सालों से जिन कर्मियों को तीन संतान होने की वजह से पदोन्नति (Promotion) का लाभ नहीं मिल पा रहा था, उन्हें अब आखिरकार राहत मिल गई है। सरकार ने नियमों में संशोधन करते हुए इस श्रेणी के कर्मचारियों को भी प्रमोशन का अधिकार दे दिया है।

इस बदलाव का असर अब प्रत्यक्ष रूप से नजर आने लगा है। कार्मिक विभाग ने शुक्रवार को प्रदेश के 42 आरटीएस अधिकारियों को आरएएस के पद पर पदोन्नत करने की सूची जारी की है। इनमें वे अधिकारी भी शामिल हैं, जिन्हें “तीन संतान” नीति के कारण वर्षों से पदोन्नति से वंचित रखा गया था।

राजस्थान में दो संतान नीति खत्म करने की तैयारी | Subkuz

2002 में लागू हुआ था दो संतान नीति का नियम

वर्ष 2002 में राज्य सरकार ने जनसंख्या नियंत्रण नीति के तहत यह प्रावधान लागू किया था कि जिन सरकारी कर्मचारियों की दो से अधिक संतानें हैं, उन्हें उच्च पदों पर नियुक्ति या पदोन्नति नहीं दी जाएगी। इसका उद्देश्य था परिवार नियोजन को बढ़ावा देना और छोटे परिवार की नीति को प्रोत्साहित करना। हालांकि, इस नियम के कारण हजारों अधिकारी और कर्मचारी प्रमोशन से वंचित रह गए थे, जबकि वे योग्यता और सेवा अवधि दोनों में पात्र थे।

2023 में हुआ नियम में संशोधन

राज्य सरकार ने वर्ष 2023 में इस नियम में संशोधन किया। संशोधित नीति के तहत अब तीन संतान होना पदोन्नति में बाधा नहीं बनेगा। सरकार ने माना कि पुराने नियमों के चलते कई अधिकारी अनजाने में या परिस्थितिवश नुकसान उठा चुके थे। इसलिए उन्हें न्याय देना जरूरी था।

पहली बार 42 आरटीएस को मिला आरएएस पद

संशोधन के बाद अब इसका असर दिखने लगा है। कार्मिक विभाग द्वारा जारी सूची में 42 आरटीएस अधिकारी आरएएस के पद पर प्रमोट किए गए हैं। सूत्रों के अनुसार, इनमें 36 अधिकारियों को सामान्य नियमों के तहत जबकि 6 अधिकारियों को विशेष प्रावधानों के तहत पदोन्नति दी गई है। यह पहली बार है जब इतनी बड़ी संख्या में आरटीएस अफसरों को एक साथ आरएएस बनाया गया है।

सरकार बोली—“यह न्याय और समान अवसर का निर्णय है”

राज्य सरकार ने कहा है कि इस फैसले का उद्देश्य है सभी पात्र कर्मचारियों को समान अवसर देना और प्रशासनिक न्याय सुनिश्चित करना। कई अधिकारी 20 से 25 साल की सेवा पूरी करने के बाद भी पदोन्नति से वंचित थे। अब यह बदलाव न केवल प्रशासनिक न्याय का उदाहरण है, बल्कि कर्मचारियों में नई ऊर्जा और विश्वास भी पैदा करेगा।

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