राजस्थान की राजनीति में एक बार फिर हलचल मच गई है। अंता विधानसभा उपचुनाव के बीच प्रदेश के कैबिनेट मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने अपने पद को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि संभव है अगले साल पार्टी के नियमों के तहत उन्हें मंत्री पद छोड़ना पड़े। किरोड़ी ने यह भी जोड़ा कि मंत्री पद पर बने रहने की उनकी बहुत ज्यादा इच्छा नहीं है। उनके इस बयान के बाद सियासी गलियारों में चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है।
“मंत्री पद का कोई मोह नहीं”- किरोड़ी लाल मीणा
किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि उन्होंने हमेशा अपनी जिम्मेदारियों को ईमानदारी से निभाया है और उन्हें पद का कोई मोह नहीं है। उन्होंने कहा, “मैं अपने विभाग के कार्यों को पूरी निष्ठा से आगे बढ़ा रहा हूं, लेकिन मंत्रिमंडल में फेरबदल करना मुख्यमंत्री और पार्टी का विशेषाधिकार है। अगर पार्टी मुझसे पद छोड़ने को कहेगी, तो मैं बिना हिचक के ऐसा कर दूंगा।”
75 वर्ष की उम्र सीमा का दिया हवाला
किरोड़ी लाल मीणा ने संकेत देते हुए कहा कि अगले साल वे 75 वर्ष के हो जाएंगे, और पार्टी की नीति के अनुसार उन्हें पद छोड़ना पड़ सकता है। उन्होंने कहा, “मुझे मंत्री पद से कोई लालसा नहीं है। पार्टी जो भी निर्णय करेगी, मैं उसे स्वीकार करूंगा।”
पहले भी दे चुके हैं इस्तीफा
लोकसभा चुनाव में दौसा समेत कुछ सीटों पर हार के बाद किरोड़ी लाल मीणा ने पिछले साल मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था, लेकिन बाद में बीजेपी हाईकमान के कहने पर उन्होंने फिर से जिम्मेदारी संभाली। अब उनके ताज़ा बयान से फिर से मंत्री पद छोड़ने की चर्चा तेज़ हो गई है।
युवाओं को मौका देने की बात
किरोड़ी ने कहा कि पार्टी में अब युवाओं और नए चेहरों को आगे लाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि पार्टी का भविष्य युवा नेतृत्व के हाथों में होना चाहिए।
अंता उपचुनाव के बीच बयान से बढ़ा सियासी तापमान
अंता उपचुनाव के प्रचार के बीच किरोड़ी लाल मीणा का यह बयान बीजेपी और प्रदेश की राजनीति में नया सियासी सस्पेंस पैदा कर रहा है। राजनीतिक विश्लेषक इसे मंत्रिमंडल विस्तार और नेतृत्व में बदलाव के संकेत के रूप में देख रहे हैं।


