राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम (RSRTC) के भरतपुर डिपो से जुड़े दो वीडियो हाल ही में सोशल मीडिया पर व्यापक रूप से प्रसारित हुए हैं। एक वीडियो में एक पुरुष अधिकारी को कार्यालय में फिल्मी गीत ‘परदेसिया’ पर नृत्य करते देखा गया, जबकि दूसरे वीडियो में एक महिला कर्मचारी उस अधिकारी का श्रृंगार करती दिखाई दी। वीडियो के वायरल होने के बाद निगम प्रबंधन ने इस घटना को अनुशासनहीनता का गंभीर मामला मानते हुए दोनों कर्मचारियों को तत्काल प्रभाव से उनके मूल कार्यालय से संलग्न (APO) कर दिया है। प्रबंधन ने मामले की जांच शुरू कर दी है, वहीं सोशल मीडिया पर यह घटना चर्चा और व्यंग्य का विषय बन गई है।
भरतपुर डिपो में मस्ती का दृश्य
पहले वायरल वीडियो में भरतपुर डिपो के अतिरिक्त प्रशासनिक अधिकारी सुनील कुमार को कार्यालय कक्ष में फिल्मी गीत ‘परदेसिया’ पर उत्साहपूर्वक गाते और नृत्य करते देखा जा सकता है। पृष्ठभूमि में मौजूद सहकर्मी तालियां बजाते नजर आते हैं, जिससे कार्यालय का वातावरण मनोरंजन स्थल जैसा प्रतीत होता है। दूसरे वीडियो में सहायक प्रशासनिक अधिकारी गायत्री, सुनील कुमार के चेहरे पर लिपस्टिक लगाते, माथे पर बिंदी सजाते और उन्हें चुनरी ओढ़ाते हुए दिख रही हैं — दृश्य किसी विवाह श्रृंगार की झलक देता है। यह पूरा घटनाक्रम कार्यालय परिसर में ही रिकॉर्ड किया गया था, जिसकी प्रामाणिकता की पुष्टि स्वयं डिपो प्रबंधन ने की है।
दोनों अधिकारियों पर तुरंत कार्रवाई
वीडियो सामने आने के बाद रोडवेज प्रशासन ने तत्काल संज्ञान लिया। उप महाप्रबंधक (AGM) ने अनुशासनहीन आचरण के आरोप में अतिरिक्त प्रशासनिक अधिकारी सुनील कुमार और सहायक प्रशासनिक अधिकारी गायत्री को उनके मूल कार्यालय से अटैच (APO) कर दिया। भरतपुर डिपो के मुख्य प्रबंधक शक्ति सिंह ने घटना को “बेहद खेदजनक और कार्यालय मर्यादा के विरुद्ध” बताते हुए कहा कि जांच पूरी होने के बाद उचित प्रशासनिक कार्रवाई की जाएगी। साथ ही, डिपो प्रबंधन ने समस्त कर्मचारियों को कार्यस्थल पर आचरण संबंधी नियमों के पालन की सख्त हिदायत दी है।
ऑफिस वीडियो ने मचाई हलचल
वीडियो वायरल होने के बाद सोशल मीडिया पर यह मामला चर्चा का केंद्र बन गया। प्लेटफॉर्म्स पर ‘रोडवेज डांस फ्लोर’ और ‘ऑफिस श्रृंगार’ जैसे हैशटैग ट्रेंड करने लगे, जबकि कई यूजर्स ने सरकारी कार्यालयों की मर्यादा पर सवाल उठाए। विपक्ष ने इस घटना को “प्रशासनिक शिथिलता और सरकारी अनुशासन की गिरती स्थिति” करार देते हुए सरकार से जवाब मांगा। डिपो प्रबंधन ने स्पष्ट किया है कि वीडियो की उत्पत्ति और प्रसार की जांच जारी है, तथा दोषी पाए जाने पर कठोर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। यह प्रकरण न केवल रोडवेज की साख पर प्रश्नचिह्न लगा रहा है, बल्कि सरकारी कार्यसंस्कृति पर भी गंभीर बहस छेड़ रहा है।
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