Rajasthan Politics: डूंगरपुर में भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती पर राज्य स्तरीय समारोह की तैयारियां जोरों पर हैं। एसबीपी कॉलेज ग्राउंड में होने वाले इस आयोजन में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और जनजाति क्षेत्रीय विकास मंत्री बाबूलाल खराड़ी मुख्य अतिथि रहेंगे। इस दौरान विकास प्रदर्शनी और जनजातीय संस्कृति की झलक भी प्रदर्शित की जाएगी।
हालांकि, इस सरकारी समारोह को केवल गौरव दिवस का संदेश नहीं, बल्कि भाजपा के लिए राजनीतिक “सेल्फ-रिस्क्यू मिशन” के रूप में भी देखा जा रहा है। दक्षिण राजस्थान के वागड़ अंचल में भारत आदिवासी पार्टी (बीएपी) के तेजी से बढ़ते प्रभाव ने भाजपा की चिंता बढ़ा दी है। डूंगरपुर-बांसवाड़ा की 9 विधानसभा सीटों में से बीएपी के पास 4, कांग्रेस के 3 और भाजपा के केवल 2 विधायक हैं। बीएपी सांसद राजकुमार रोत अब आदिवासी राजनीति का राष्ट्रीय चेहरा बन चुके हैं।
भीतरखाने में गुटबाजी, बजट पर ठप पड़े काम और कार्यकर्ताओं की नाराजगी भाजपा के लिए बड़ी चुनौती बन गई है। ग्रामीण विकास और पंचायतीराज विभाग की योजनाओं में रुकी फाइलों से आदिवासी क्षेत्रों में असंतोष बढ़ रहा है। पूर्व विधायक गोपीचंद मीणा समेत कई वरिष्ठ नेताओं ने मंच से ही नाराजगी जाहिर की है।
राज्य सरकार पंचायतीराज चुनाव में हो रही देरी और क्षेत्रीय असंतोष को देखते हुए इस सभा के जरिए कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाने की कोशिश में है। फिलहाल एसबीपी कॉलेज मैदान में डोम निर्माण और मंच सजावट का काम तेजी से चल रहा है। कलेक्टर अंकित कुमार सिंह लगातार तैयारियों की मॉनिटरिंग कर रहे हैं। अब देखना होगा कि गौरव दिवस की चमक आदिवासी विकास के ठहरे मुद्दों को कितनी देर तक ढक पाती है।
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