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Monday, December 1, 2025

फरीदाबाद से दिल्ली तक: 2,900 किलो विस्फोटक, ‘सफेदपोश’ मॉड्यूल और लाल किले ब्लास्ट की चौंकाने वाली साजिश

Newsफरीदाबाद से दिल्ली तक: 2,900 किलो विस्फोटक, ‘सफेदपोश’ मॉड्यूल और लाल किले ब्लास्ट की चौंकाने वाली साजिश

फरीदाबाद के एक विश्वविद्यालय में 2,900 किलो विस्फोटक बरामद होने और कुछ ही घंटों बाद दिल्ली के लाल किले के पास हुए कार विस्फोट में 13 लोगों की मौत के बाद सुरक्षा एजेंसियां लगातार सक्रिय हैं।

10 नवंबर के बाद तीन दिनों में आठ लोगों को गिरफ्तार किया गया और कई को हिरासत में लिया गया। इस पूरे घटनाक्रम में मिली जानकारी कभी-कभी उलझी हुई और विरोधाभासी रही है।

जांच में दक्षिण कश्मीर के तीन डॉक्टरों से जुड़ी आतंकी साजिश पर भी ध्यान केंद्रित किया गया है। एजेंसियां कश्मीर, हरियाणा, दिल्ली और उत्तर प्रदेश की कड़ियों को जोड़कर मामले की गहन पड़ताल कर रही हैं। अभी तक जो तथ्य सामने आए हैं, उन्हें इस तरह समझा जा सकता है।

‘वाइट कॉलर’ आतंकी मॉड्यूल भूमिका

जैश-ए-मोहम्मद की अंतरराज्यीय ‘सफेदपोश’ आतंकी साजिश में सबसे अहम शख्स डॉ. मुजम्मिल अहमद गनई उर्फ मुसैब है।

पुलिस के अनुसार 10 नवंबर की सुबह फरीदाबाद के अल-फलाह विश्वविद्यालय में गनई के किराए के घर से 360 किलो अमोनियम नाइट्रेट बरामद हुआ। गनई इसी विश्वविद्यालय में काम करता था और दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिले के कोइल गांव का रहने वाला है।

इसके तुरंत बाद जम्मू-कश्मीर पुलिस ने बताया कि विश्वविद्यालय और आसपास के इलाकों से कुल 2,900 किलो विस्फोटक बरामद हुआ है।

पुलिस ने इसे एक ‘सफेदपोश’ आतंकी मॉड्यूल का पर्दाफाश बताया और अलग-अलग राज्यों की टीमों के साथ इस अभियान का समन्वय किया।

साजिश में तीन डॉक्टर शामिल

डॉ. उमर नबी, 28 वर्ष, जो दक्षिण कश्मीर के काजीगुंड के रहने वाले हैं, 10 नवंबर की शाम लाल किले के पास हुए कार धमाके में शामिल थे।

घटनास्थल पर मिले अंगों के डीएनए नमूनों का मिलान उनकी मां के नमूनों से हुआ, जिससे उनकी संलिप्तता पक्की हुई। उमर भी फरीदाबाद के अल फलाह विश्वविद्यालय में काम करते थे और माना जाता है कि वे इस गिरोह में सबसे कट्टरपंथी थे।

पुलिस अल फलाह विश्वविद्यालय से जुड़े काजीगुंड के मुजफ्फर राथेर की भी तलाश कर रही है। पूछताछ में गिरफ्तार आरोपियों ने बताया कि उमर, गनई और मुजफ्फर 2021 में 18 दिनों के लिए तुर्की गए थे।
मुजफ्फर अगस्त में भारत से बाहर गया और माना जा रहा है कि वह अब अफगानिस्तान में है। पुलिस ने उसके खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने के लिए इंटरपोल से संपर्क किया है।
आरोप है कि ‘सफेदपोश’ आतंकी मॉड्यूल इन्हीं तीनों के नेतृत्व में चलता था और वे पाकिस्तान में अपने आकाओं से संपर्क करने के लिए ‘टेलीग्राम’ का इस्तेमाल करते थे।

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