IAS V. Srinivas Rajasthan: राजस्थान सरकार के अनुरोध पर केंद्र सरकार ने वरिष्ठ IAS अधिकारी वी. श्रीनिवास को उनके मूल कैडर राजस्थान वापस भेजने को मंजूरी दे दी है। शुक्रवार को जारी आदेश में मंत्रालय ने बताया कि अपॉइंटमेंट्स कमेटी ऑफ द कैबिनेट (ACC) ने उनके रिपैट्रिएशन को स्वीकृति दे दी है।
श्रीवास्तव वर्तमान में प्रशासनिक सुधार एवं लोक शिकायत विभाग तथा पेंशन एवं पेंशनर्स वेलफेयर विभाग में सचिव के रूप में कार्यरत थे। अब उन्हें केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से मुक्त किया जाएगा और वे राजस्थान कैडर में अपनी नई जिम्मेदारी संभालेंगे। कैडर में वापसी के बाद DOP से मुख्य सचिव नियुक्ति के आदेश जल्द जारी होंगे।
22 साल की उम्र में बने IAS
तेलंगाना में 1 सितंबर 1966 को जन्मे वी. श्रीनिवास ने हैदराबाद की ओस्मानिया यूनिवर्सिटी के कॉलेज ऑफ टेक्नोलॉजी से केमिकल इंजीनियरिंग में B.Tech और M.Tech किया। इसके बाद मात्र 22 वर्ष की आयु में उन्होंने भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) परीक्षा पास की। वे राजस्थान कैडर के अधिकारी हैं और पिछले तीन दशकों में राज्य व केंद्र में कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य कर चुके हैं।
AIIMS के डिजिटल मॉडल के निर्माता
अपने करियर के दौरान श्रीनिवास ने विदेश मंत्रालय, कपड़ा मंत्रालय और संस्कृति मंत्रालय में सेवा दी।
दिल्ली AIIMS में डिप्टी डायरेक्टर रहते हुए उन्होंने Digital AIIMS Project की शुरुआत की और ई-हॉस्पिटल सिस्टम लागू करवाया। इस पहल से मरीजों को लंबी लाइनों से राहत मिली, अपॉइंटमेंट सिस्टम ऑनलाइन हुआ और अस्पताल प्रबंधन पूरी तरह डिजिटल मोड में बदला। यह मॉडल बाद में राष्ट्रीय स्तर पर अपनाया गया, जिसे भारत में स्वास्थ्य प्रशासन के डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन की मिसाल माना जाता है।
अंतरराष्ट्रीय संस्थान के पहले भारतीय अध्यक्ष
हाल ही में वी. श्रीनिवास को इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एडमिनिस्ट्रेटिव साइंसेज (IIAS) का अध्यक्ष चुना गया। इतिहास में पहली बार किसी भारतीय को यह पद मिला। 3 जून को ब्रूसेल्स में आयोजित IIAS की एक्स्ट्रा-ऑर्डिनरी जनरल असेंबली में हुए चुनाव में उन्होंने 141 में से 87 वोट हासिल किए, जबकि ऑस्ट्रिया के उम्मीदवार को 54 वोट मिले। उन्हें 2025-28 की अवधि के लिए अध्यक्ष चुना गया। यह भारतीय प्रशासनिक सेवा की वैश्विक प्रतिष्ठा का प्रतीक माना जाता है।
परिवार ने डाली मजबूत नींव
वी. श्रीनिवास के पिता एन्टोमोलॉजिस्ट थे और नेशनल मलेरिया इरैडिकेशन प्रोग्राम से जुड़े थे।
उनका बचपन अरावू वैली के मलेरिया प्रभावित गांवों में बीता। उन्होंने वैदिक और संस्कृत धर्मग्रंथों से अपनी शुरुआती शिक्षा पाई और पंचायत स्कूल में पढ़ाई की। उनकी मां क्षेत्र की चुनिंदा महिलाओं में थीं जिन्होंने लॉ की डिग्री हासिल की। परिवार के इसी माहौल ने श्रीनिवास में शिक्षा, अनुशासन और सेवा भावना के मूल्य विकसित किए।
राज्य प्रशासन को नई ऊंचाई तक ले जाने की उम्मीद
- प्रशासन में तकनीकी दक्षता बढ़ाएंगे
- शासन व्यवस्था के आधुनिकीकरण को गति देंगे
- डिजिटल गवर्नेंस को नई दिशा देंगे
- राज्य प्रशासन को अधिक तेज और जवाबदेह बनाएंगे।



