Rajasthan News: राजस्थान के रेगिस्तानी क्षेत्रों में पिछले कुछ वर्षों से अच्छी बारिश हो रही है। पानी की आवक बढ़ने के बावजूद पश्चिमी राजस्थान में मीठे पानी के संरक्षण के ठोस इंतजाम नहीं होने से लोगों और पशुओं के लिए पेयजल संकट बना हुआ है। जैसलमेर की प्रसिद्ध गड़ीसर झील से जुड़े मामले की सुनवाई के दौरान राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि रेगिस्तान में मीठे पानी के संरक्षण और संवर्धन की समग्र योजना तुरंत तैयार की जाए, ताकि बरसाती जल का प्रभावी उपयोग हो सके।
गड़ीसर झील संरक्षण को लेकर दायर हुई थी याचिका
जैसलमेर स्थित गड़ीसर झील के संरक्षण को लेकर सुनील पालीवाल की ओर से याचिका दायर की गई थी। याचिका में मांग की गई कि गड़ीसर झील के कैचमेंट एरिया को बढ़ाया जाए, 12 जून 1961 की अधिसूचना में बताए गए सीमांकन को बहाल रखा जाए और झील को संरक्षित क्षेत्र घोषित किया जाए।
मामले की सुनवाई जस्टिस विनीत कुमार माथुर और जस्टिस विपिन गुप्ता की खंडपीठ ने की। कोर्ट ने कहा कि गड़ीसर झील न केवल जल संग्रहण का बड़ा स्रोत है, बल्कि पर्यटन की दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। विश्वभर से जैसलमेर आने वाले पर्यटक इस झील को अवश्य देखते हैं और इसका संरक्षण राजस्थान की वैश्विक पहचान को और मजबूत कर सकता है।
पानी ओवरफ्लो होकर बह जाता है
पश्चिमी राजस्थान में हाल के वर्षों में बारिश का पैटर्न बेहतर हुआ है। जैसलमेर की गड़ीसर झील में भी पानी की आवक काफी बढ़ी है, लेकिन ओवरफ्लो होने के कारण अधिकांश पानी व्यर्थ बह जाता है। कोर्ट ने माना कि जब रेगिस्तान में बरसात भरपूर हो रही है, तो पानी का संरक्षण सर्वोच्च प्राथमिकता होना चाहिए। गड़ीसर झील की सुरक्षा के साथ-साथ प्रदेश सरकार को पूरे रेगिस्तानी इलाके में मीठे पानी के संग्रहण, स्टोरेज और संवर्धन के लिए दीर्घकालिक योजना लागू करनी चाहिए।
गड़ीसर झील का इतिहास और महत्व
गड़ीसर झील जैसलमेर की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक पहचान का महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसे जैसलमेर के संस्थापक रावल जैसल भाटी ने 1156 ईस्वी में बनवाया था। बाद में 14वीं शताब्दी में राजा गड़सी सिंह ने इसका पुनर्निर्माण कराया। किले के पास स्थित यह झील जलसंग्रहण का प्रमुख स्रोत होने के साथ-साथ पर्यटन का केंद्र भी है। स्थानीय लोगों का कहना है कि यह झील केवल पानी का स्रोत नहीं, बल्कि जैसलमेर की जीवन रेखा है। इसी झील के कारण शहर ने वैश्विक स्तर पर अपनी विशिष्ट पहचान बनाई है।
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