Sriganganagar poster controversy: श्रीगंगानगर में बीजेपी विधायक जयदीप बिहाणी और जिला प्रशासन के बीच प्रोटोकॉल को लेकर शुरू हुआ विवाद थमता नहीं दिख रहा है। मामला अब राजनीतिक तकरार से आगे बढ़कर शहर की सड़कों पर दिखने लगा है। शहर में जगह-जगह लगे पोस्टरों ने माहौल और गर्मा दिया है, जबकि इन पोस्टरों को किसने लगवाया—यह सबसे बड़ा सवाल बन गया है।
पोस्टरों में प्रशासन पर ‘अपमान’ का आरोप
सड़क किनारे लगे होर्डिंग में लिखा है “जिला प्रशासन द्वारा सरदार वल्लभ भाई पटेल और भगवान बिरसा मुंडा का अपमान, नहीं सहेगा श्रीगंगानगर।” नीचे “समस्त भाजपा कार्यकर्ता” का उल्लेख भी किया गया है। हालाँकि, खुद विधायक बिहाणी ने इन पोस्टरों की जानकारी होने से साफ इंकार किया। उनका कहना है कि “मेरे या जिलाध्यक्ष के कहने से ये पोस्टर नहीं लगे।” भाजपा जिलाध्यक्ष ने तो दावा किया कि पोस्टर हटा दिए गए हैं, लेकिन जिम्मेदारी लेने से उन्होंने भी इंकार कर दिया। ऐसे में यह सवाल और गहरा हो गया है कि आखिर ये पोस्टर लगाए किसने?
विवाद की जड़: ‘रन फॉर यूनिटी’ कार्यक्रम
यह पूरा विवाद हाल ही में आयोजित ‘रन फॉर यूनिटी’ कार्यक्रम से शुरू हुआ। बताया जाता है कि मंच पर प्रोटोकॉल का पालन नहीं होने से विधायक जयदीप बिहाणी बेहद नाराज हो गए। गुस्से में उन्होंने जिले की वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों जिला कलेक्टर डॉ. मंजू और एडीएम प्रशासन सुभाष चंद्र को मंच से ही फटकार लगाई और कार्यक्रम से बाहर जाने का आदेश दे दिया। इस घटना ने जिले में प्रशासन और सियासत के बीच खींचतान को खुलकर सामने ला दिया।
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