अंता विधानसभा उपचुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार रहे नरेश मीणा ने रविवार को शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद से मुलाकात की। मुलाकात के बाद शंकराचार्य ने मीणा की सराहना करते हुए कहा कि “कागज़ों में ये विजयी नहीं हुए, लेकिन जनता ने दिखा दिया कि उनके दिलों के विधायक नरेश मीणा ही हैं।” उन्होंने नरेश मीणा का समर्थन करने वाली जनता को धन्यवाद देते हुए कहा कि चुनाव में जिस तरह लोगों ने उनका साथ दिया, वह सराहनीय है।
जनता की सेवा जारी रखनी चाहिए – शंकराचार्य
शंकराचार्य ने स्पष्ट कहा कि चुनाव परिणाम चाहे जो रहे हों, क्षेत्र की समस्याओं के समाधान के लिए आगे आना सबसे बड़ा धर्म है। उन्होंने कहा नरेश मीणा विधायक बनें या न बनें, जनता की सेवा जारी रखनी चाहिए। 50 हजार लोगों ने आपको समर्थन दिया है, उनके लिए काम करना आपका कर्तव्य है। उन्होंने मीणा को सलाह दी कि वे अपने क्षेत्र के लोगों से मिलें, मतदान के लिए धन्यवाद दें और उनसे पूछें कि वे उनके लिए क्या कर सकते हैं।
गोसेवा का वचन निभाने की हिदायत
शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने विशेष रूप से गोसेवा का मुद्दा उठाते हुए कहा कि गौमाता के संदर्भ में आपने जो वचन दिया है, उसे पूरा करिए। किसानों और ग्रामीणों से बात करिए और गौमाता के दुख को दूर करने का प्रयास करिए। इस पर नरेश मीणा ने उन्हें आश्वस्त किया कि वे गोसेवा के अपने वचन को अवश्य निभाएँगे।
अंता उपचुनाव में था कड़ा मुकाबला
अंता सीट पर हुए उप-चुनाव में मुकाबला त्रिकोणीय रहा। कांग्रेस के प्रमोद जैन भाया ने जीत दर्ज की, उन्हें 69,462 वोट मिले। भाजपा प्रत्याशी मोरपाल सुमन को 53,868 वोट मिले। निर्दलीय नरेश मीणा ने बेहद करीबी अंतर से 53,740 वोट हासिल किए। हालाँकि जीत उनसे छूट गई, लेकिन वोटों की संख्या बताते है कि क्षेत्र में नरेश मीणा का प्रभाव मजबूत है।
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