राजस्थान में आतंकी टेरर मॉड्यूल के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। जांच में सामने आया है कि सांचौर से गिरफ्तार किया गया मौलवी ओसामा उमर पाकिस्तान आधारित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के एक आतंकी के संपर्क में था। राजस्थान ATS ने संदिग्ध गतिविधियों के आधार पर उसे गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया था, जहाँ उसके रिमांड की मांग की गई।
एटीएस ने उसकी गिरफ्तारी के बाद उसके मोबाइल फोन को फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा था। मोबाइल डेटा की गहन जांच में सुरक्षा एजेंसियां हैरान रह गईं उसके फोन में कट्टरपंथी विचारधारा से जुड़ी 3 लाख से अधिक तस्वीरें और आपत्तिजनक कंटेंट मिला है।
गुजरात ATS की कार्रवाई से खुली कड़ियां
मामला तब तेजी से आगे बढ़ा जब गुजरात ATS ने कुछ आतंकियों को गिरफ्तार किया और उनकी पूछताछ में राजस्थान कनेक्शन सामने आया। इसके बाद राजस्थान ATS ने राज्यभर में नेटवर्क की पड़ताल तेज की। इसी दौरान सांचौर निवासी मौलवी ओसामा की संदिग्ध गतिविधियों पर एजेंसियों की नजर गई।
ओसामा उमर मूल रूप से बाड़मेर जिले के मुसनाराई का बास का रहने वाला है। गांव के कुछ युवाओं पर भी उसकी सोशल मीडिया गतिविधियों के जरिए कट्टरपंथी प्रचार-प्रसार का शक जताया गया है।
अफगानिस्तान भागने की तैयारी में था मौलवी
ATS सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, ओसामा को अंदेशा हो गया था कि एजेंसियां उसके पीछे हैं। इसलिए वह देश छोड़कर भागने की साजिश रच रहा था। उसकी योजना थी कि पहले दुबई भागे उसके बाद वहां से अफगानिस्तान में ट्रेनिंग लेने के लिए आगे बढ़े लेकिन ATS ने समय रहते उस पर निगरानी बढ़ाई और हवाई मार्ग से भागने की उसकी कोशिश को नाकाम कर दिया। एजेंसियों ने इसे सुरक्षा तंत्र की बड़ी सफलता बताया है।
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