नागौर के जोधियासी गांव में आधी रात को महाराजा सूरजमल की प्रतिमा स्थापित किए जाने के बाद उपजा विवाद 24 घंटे बीतने के बावजूद शांत नहीं हुआ है। स्थिति को देखते हुए प्रशासन ने एहतियातन अगले दो महीनों के लिए धारा 163 लागू कर दी है।
इस आदेश के तहत अब गांव में पांच से अधिक लोगों के एक साथ जुटने पर प्रतिबंध रहेगा। किसी भी प्रकार की रैली, जुलूस, सार्वजनिक सभा या भीड़ वाली गतिविधि बिना अनुमति संभव नहीं होगी। वहीं लाउडस्पीकर के उपयोग पर भी रोक लगा दी गई है।
सार्वजनिक सुरक्षा हेतु सख्त प्रतिबंध
जारी आदेश में स्पष्ट किया गया है कि अब कोई भी व्यक्ति रायफल, रिवॉल्वर, पिस्तौल, बंदूक, चाकू, कृपाण, तलवार, भाला या लाठी जैसे किसी भी हथियार के साथ सार्वजनिक स्थान पर नहीं घूम सकेगा।
साथ ही, माहौल को भड़काने वाले भाषण, पोस्टर, पर्चे, सोशल मीडिया संदेश या अफवाहें फैलाने पर पूरी तरह रोक रहेगी। यदि कोई व्यक्ति इन निर्देशों का उल्लंघन करता पाया गया, तो उसके खिलाफ भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 223 के तहत कार्रवाई की जाएगी।
उल्लंघन पर सख्त BNS कार्रवाई
SDM ने अपने आदेश में स्पष्ट किया है कि यह प्रतिबंध सुरक्षा बलों, पुलिस, होमगार्ड, जेल सुरक्षा स्टाफ और सरकारी ड्यूटी पर तैनात कर्मचारियों पर लागू नहीं होगा।
साथ ही प्रशासन ने सभी विभागों, पुलिस थानों और राजस्व अधिकारियों को निर्देश दिया है कि आदेश का पर्याप्त प्रचार किया जाए, ताकि कोई भी व्यक्ति अनजान होने का तर्क न दे सके। फिलहाल पुलिस और प्रशासनिक टीमें लगातार गश्त कर रही हैं और क्षेत्र में शांति बनाए रखने की अपील कर रही हैं।
प्रतिमा स्थापना पर बढ़ा विवाद
नागौर के जोधियासी गांव में महाराजा सूरजमल की प्रतिमा स्थापना को लेकर मंगलवार को दो पक्षों के बीच झड़प और पथराव हो गया। तनाव तब बढ़ा जब एक समूह ने सोमवार देर रात विवादित बस स्टैंड चौराहे पर बिना अनुमति प्रतिमा स्थापित कर दी।
एक पक्ष का कहना है कि उन्हें प्रतिमा से नहीं, बल्कि इसके सार्वजनिक स्थान पर लगाने से एतराज है और वे इसे किसी अन्य स्थान पर स्थापित करने की मांग कर रहे हैं। वहीं दूसरा पक्ष ग्राम सभा की मंजूरी होने का दावा कर रहा है। लंबे समय से simmer कर रहा विवाद अब हिंसक रूप ले चुका है, जिससे गांव में तनाव और गहरा गया है।
भारी पुलिस तैनाती से हालात काबू
स्थिति की गंभीरता को भांपते हुए प्रशासन ने तुरंत सख्त कदम उठाए। नौ थानों से अतिरिक्त पुलिस बल, राजस्थान सशस्त्र पुलिस (RAC) और त्वरित प्रतिक्रिया बल (QRT) की टीमें गांव में तैनात कर दी गई हैं। जिला पुलिस अधीक्षक मृदुल कच्छावा के अनुसार हालात नियंत्रण में हैं, लेकिन एहतियाती तौर पर सुरक्षा घेरा कड़ा रखा गया है।
जिलाधिकारी अरुण कुमार पुरोहित सहित वरिष्ठ अधिकारी मौके पर डटे हुए हैं और दोनों पक्षों से संवाद कर स्थायी समाधान तलाशने की कोशिश कर रहे हैं। शांति भंग की आशंका के मद्देनज़र धारा 163 लागू कर दी गई है, जिसके तहत जुलूस, हथियार ले जाना और भीड़भाड़ वाली गतिविधियाँ प्रतिबंधित हैं।
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