13.6 C
Jaipur
Monday, December 1, 2025

राजस्थान में समुद्री लहरों की आहट! जालोर में बनेगा भारत का पहला इनलैंड सी पोर्ट; अरब सागर तक बनेगा 262 किमी का वाटर कॉरिडोर

Newsराजस्थान में समुद्री लहरों की आहट! जालोर में बनेगा भारत का पहला इनलैंड सी पोर्ट; अरब सागर तक बनेगा 262 किमी का वाटर कॉरिडोर

राजस्थान अब केवल रेत, रेगिस्तान, किले और इतिहास का प्रदेश नहीं रहने वाला। अब यह समुद्री व्यापार शक्ति बनने की ओर तेजी से बढ़ रहा है। जालोर में बनने वाला भारत का पहला इनलैंड सी पोर्ट राजस्थान को सीधे अरब सागर से जोड़ देगा, जिससे राज्य समुद्री राज्यों की कतार में खड़ा हो जाएगा। इसे राजस्थान की औद्योगिक क्रांति 2.0 माना जा रहा है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और जल संसाधन मंत्री सुरेश सिंह रावत की पहल पर तैयार हो रहा यह वाटर कॉरिडोर प्रदेश की अर्थव्यवस्था का नक्शा बदलने वाला है।

राजस्थान का ‘वाटर कॉरिडोर’ तैयार!

इस मेगा प्रोजेक्ट के तहत जालोर को कच्छ की खाड़ी के माध्यम से सीधे अरब सागर से जोड़ा जाएगा। यानी अब जहाज़ राजस्थान की दहलीज तक आएंगे, और यहाँ से माल सीधे समुद्री मार्ग से दुनिया भर में जाएगा। सरकारी सूत्रों के अनुसार यह प्रोजेक्ट राजस्थान को लॉजिस्टिक पावरहाउस बना सकता है। उद्योग, निर्यात, रोजगार और निवेश, सब में भारी उछाल देखने को मिलेगा।

इंडिया मैरीटाइम वीक 2025 में ऐतिहासिक एमओयू

मुंबई में आयोजित इंडिया मैरीटाइम वीक 2025 में राजस्थान रिवर बेसिन एवं जल संसाधन आयोजना प्राधिकरण
और इंडियन इनलैंड वॉटरवेज अथॉरिटी (IWAI) के बीच ऐतिहासिक समझौता हुआ।

एमओयू के मुख्य बिंदु

  • गुजरात और राजस्थान में 262 किमी लंबा जलमार्ग विकसित होगा।

  • जालोर तक जहाजों की आवाजाही के लिए बड़े पैमाने पर ड्रेजिंग।

  • सिर्फ ड्रेजिंग पर 10,000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश।

जालोर बनेगा इंटरनेशनल ट्रेड हब

जालोर का इनलैंड पोर्ट सीधे कांडला पोर्ट से जुड़ जाएगा। इसके बाद भारी मालवाहक कंटेनर जलमार्ग से जालोर तक पहुँचेंगे। किसानों और उद्योगों को सीधा निर्यात मार्ग मिलेगा। सड़क और रेल पर दबाव कम होगा। परिवहन लागत में 30–40% तक कमी आने की संभावना। सबसे उपयुक्त मार्ग माना गया है। भवातरा – नवलखी – कांडला क्रीक कॉरिडोर

आईआईटी मद्रास कर रहा हाई-टेक सर्वे

जल संसाधन मंत्री सुरेश सिंह रावत के अनुसार आईआईटी मद्रास, नेशनल टेक्नोलॉजी फॉर पोर्ट्स एंड वॉटरवे, IWAI और जल संसाधन विभाग मिलकर विस्तृत DPR तैयार कर रहे हैं। सर्वे में शामिल जल उपलब्धता, भूमि अधिग्रहण ,तकनीकी संरचना, लागत विश्लेषण, फील्ड सर्वे जल्द ही IIT मद्रास की टीम राजस्थान के दौरे पर आएगी।

जालोर बनेगा ‘लॉजिस्टिक्स कैपिटल’

लूनी–जवाई क्षेत्र पहले से ही बड़ा ट्रेड ज़ोन है कपड़ा, पत्थर उद्योग, कृषि-उत्पाद, तेल-बीज, दालें, पास में रिफाइनरी प्रोजेक्ट। समुद्री मार्ग आने के बाद भारी माल की ढुलाई आसान, पोर्ट सर्विसेज का विस्तार, कोल्ड स्टोरेज–वेयरहाउसिंग हब, बड़े औद्योगिक क्लस्टर, विदेशी निवेशकों की एंट्री, राजस्थान का यह क्षेत्र इंडस्ट्रियल पावर कॉरिडोर बनने की तरफ बढ़ रहा है।

50 हजार से ज्यादा रोजगार

  • 50,000+ नए रोजगार

  • राजस्थान–गुजरात दोनों में आर्थिक उछाल

  • युवाओं को नए अवसर

  • उद्योगों को सस्ता और आसान निर्यात

राजस्थान अब ‘मरु प्रदेश’ नहीं

देश में पहली बार किसी लैंडलॉक्ड स्टेट में इस स्तर का समुद्री कनेक्शन बनाने जा रहा है। यह प्रोजेक्ट राजस्थान की अर्थव्यवस्था को अगले दशक में नई ऊँचाइयों पर ले जाएगा। यह सिर्फ एक प्रोजेक्ट नहीं राजस्थान का व्यावसायिक भविष्य है।

यह भी पढ़ें: राजस्थान कांग्रेस में बड़ा संगठनात्मक फेरबदल अंतिम चरण में, 50 में से 40 जिलाध्यक्ष बदलने की तैयारी! राहुल गांधी की मंजूरी पर टिकी नजर

Check out our other content

Check out other tags:

Most Popular Articles