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Sunday, November 30, 2025

राजस्थान में गांवों की सीमाओं का नया खाका तैयार, पंचायत पुनर्गठन की प्रक्रिया का जिम्मा जिला कलेक्टरों को सौंपा

OP-EDराजस्थान में गांवों की सीमाओं का नया खाका तैयार, पंचायत पुनर्गठन की प्रक्रिया का जिम्मा जिला कलेक्टरों को सौंपा

New Boundaries in Rajasthan Villages: राजस्थान सरकार ने राज्य के ग्रामीण प्रशासनिक ढांचे में बड़ा प्रशासनिक कदम उठाते हुए ग्राम पंचायतों और पंचायत समितियों के पुनर्गठन का महत्वपूर्ण अधिकार अब जिला कलेक्टरों को सौंप दिया है। इस फैसले की आधिकारिक सूचना राज्य सरकार ने राजस्थान राजपत्र (Rajasthan Gazette) के विशेष अंक के माध्यम से जारी की है।

क्यों उठाया गया यह कदम?

राज्य में बढ़ती आबादी, नए बसेरे और शहरीकरण के कारण कई पंचायतों की सीमाओं के पुनर्सीमांकन या नई पंचायतों के गठन की मांग लगातार उठती रही है। सरकार का मानना है कि ग्रामीण विकास योजनाओं को हर ढाणी और गांव तक सुचारू रूप से पहुँचाने के लिए यह पुनर्गठन बेहद आवश्यक है। अब जिला कलेक्टर सीधे इस प्रक्रिया को संचालित कर सकेंगे, जिससे निर्णय तेजी से हो पाएंगे।

कलेक्टरों को मिले ये अधिकार

ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग की अधिसूचना के अनुसार, राजस्थान पंचायती राज अधिनियम 1994 की धारा 9, 10 और 101 के तहत राज्य सरकार के अधिकार अब जिला कलेक्टरों को स्थानांतरित कर दिए गए हैं। इसके तहत कलेक्टर नई ग्राम पंचायतों और पंचायत समितियों के पुनर्गठन एवं सीमांकन के प्रस्ताव तैयार करेंगे। प्रस्तावों को सार्वजनिक रूप से जारी कर आम जनता से आपत्तियाँ/सुझाव मांगेंगे। एक महीने की अवधि में आने वाली आपत्तियों की सुनवाई कर अंतिम प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजेंगे।

जनता की सीधी भागीदारी सुनिश्चित

इस नई व्यवस्था में जनता की सहभागिता को अनिवार्य रखा गया है। जो भी नागरिक प्रस्तावित पुनर्गठन से प्रभावित होंगे, वे निर्धारित अवधि में अपनी राय, सुझाव या आपत्तियाँ जिला कलेक्टर के समक्ष दर्ज करा सकेंगे। इससे पंचायत सीमाओं का पुनर्गठन अधिक पारदर्शी और जन-केंद्रित होगा।

दूदू पंचायत समिति में बड़े पैमाने पर पुनर्गठन

नई अधिसूचना के अनुसार, दूदू पंचायत समिति क्षेत्र की कई ग्राम पंचायतों को पुनर्गठित किया गया है और उनके नए नाम व क्षेत्र निर्धारित किए गए हैं। प्रमुख पुनर्गठित पंचायतें इस प्रकार हैं-

  • उरसेवा पंचायत – उरसेवा, खेड़ीचरण, केरिया खुर्द, मुवालों की ढाणी
  • धंधोली पंचायत – धंधोली
  • कचनारिया पंचायत – कचनारिया, ईटाखोई, नगरी, गोठड़ा
  • गहलोता पंचायत – गहलोता, छिर्र
  • मरवा पंचायत – मरवा, आदरवा
  • मोरडा पंचायत – मोरडा, पानवाकलां, सुरीं
  • गागरडू पंचायत – गागरडू, गैगा
  • लापोडिया पंचायत – लापोडिया, सिनोदिया
  • गैज़ी पंचायत – गैज़ी, नोल्या, श्योपुरा, गोपीपुरा
  • दांतरी पंचायत – दांतरी, किला, माधोपुरा
  • पडासौली पंचायत – पडासौली
  • नयागांव पंचायत – नयागांव, जसुपुरा, पातुडी
  • रहलाना पंचायत – रहलाना
  • केरिया बुजुर्ग पंचायत – केरिया बुजुर्ग, महतगांव, बेनीखेडा
  • सुनाडिया पंचायत – सुनाडिया, छापरवाड़ा, तन छापरवाड़ा
  • हरसौली पंचायत – हरसौली
  • चरासडा पंचायत – चरासडा, श्रीरामनगर, छप्या
  • मंमाणा पंचायत – मंमाणा, खेडानागरान
  • नीमली पंचायत – नीमली, दांतडा, झकोलड, बोकडावास
  • बिंगोलाव पंचायत – बिंगोलाव, पवालिया, हटूपुरा

कब से लागू होंगी नई पंचायतें?

राज्य सरकार द्वारा अनुमोदित नई पंचायत सीमाएं आगामी पंचायत चुनावों के बाद प्रभावी होंगी। चुनाव संपन्न होते ही पुरानी पंचायतें स्वतः समाप्त हो जाएंगी और नवगठित पंचायतें अपने अधिकार और जिम्मेदारियां संभाल लेंगी।

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