हैदराबाद, 25 मई (भाषा) तेलंगाना में नियुक्त भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने शहर में आयोजित ‘मिस वर्ल्ड-2025’ प्रतियोगिता में नैतिकता के मुद्दों को लेकर कथित तौर पर मिस इंग्लैंड मिला मैगी द्वारा लगाए गए आरोपों की जांच की और पाया कि उसमें कोई सच्चाई नहीं है।
राज्य सरकार के विशेष मुख्य सचिव जयेश रंजन ने रविवार को ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि उन्होंने जांच पूरी कर ली है और मैगी के कथित आरोपों को लेकर ‘‘कोई सबूत नहीं मिला’’।
मैगी ने पारिवारिक कारणों का हवाला देते हुए प्रतियोगिता से अपना नाम वापस ले लिया।
मिस इंग्लैंड ने ब्रिटिश टैब्लॉयड को दिए गए बयान में कथित तौर पर सौंदर्य प्रतियोगिता के माहौल पर निराशा व्यक्त की और कहा कि यह ‘उद्देश्यपूर्ण सौंदर्य’ की उनकी अपेक्षाओं के अनुरूप नहीं था।
मीडिया ने उनके हवाले से खबर दी कि प्रतियोगियों से कथित तौर पर हर समय मेकअप लगाए रखने और पूरे दिन बॉल गाउन पहने रहने की अपेक्षा की जाती थी।
मिस वर्ल्ड प्रतियोगिता की मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) जूलिया मोर्ले ने आरोपों से इनकार किया है।
इस मुद्दे ने रविवार को तेलंगाना में राजनीतिक रंग ले लिया और भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के कार्यकारी अध्यक्ष के टी रामा राव ने मैगी द्वारा लगाए गए ‘उत्पीड़न के आरोपों’ की निष्पक्ष और गहन जांच की मांग की।
रामा राव ने कहा कि तेलंगाना में महिलाओं के सम्मान और आदर की समृद्ध पंरपरा रही है और ‘ऐसी घटना’ अत्यंत दुखद है।
प्रतियोगिता के आयोजकों ने शनिवार को बताया कि मैगी ने अपनी मां के स्वास्थ्य से जुड़ी पारिवारिक आपात स्थिति का हवाला देते हुए प्रतियोगिता बीच में ही छोड़ने का फैसला किया था।
मैगी के प्रतियोगिता छोड़ने के बाद मिस इंग्लैंड की प्रथम उपविजेता चार्लोट ग्रांट अपने देश का प्रतिनिधित्व करने के लिए आगे आईं।
ब्रिटिश मीडिया की कुछ खबरों का हवाला देते हुए जूलिया मोर्ले ने कहा कि मैगी द्वारा भारत में अपने अनुभव के बारे में कथित तौर पर दिए गए बयान ‘‘झूठे और अपमानजनक’’ हैं। उन्होंने कहा, ‘‘ये दावे पूरी तरह निराधार हैं तथा हमारे साथ बिताए गए उनके समय की वास्तविकता से मेल नहीं खाते।’’
भाषा धीरज आशीष
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