मरात अल-नोमान (सीरिया), नौ जून (एपी) उत्तरी सीरिया में ध्वस्त हो चुके एक मकान का मलबा हटाने के बाद उस स्थान पर खुदाई कर रहे एक ठेकेदार को ‘बीजान्टिन साम्राज्य’ के समय के कब्रगाह के अवशेष मिले। माना जा रहा है कि ये अवशेष 1,500 वर्ष से भी अधिक पुराने हैं।
यह खोज पिछले महीने इदलिब प्रांत के मरात अल-नोमान शहर में हुई, जो रणनीतिक रूप से अलेप्पो और दमिश्क शहरों के बीच मार्ग पर स्थित है।
यह स्थान लगभग 14 वर्ष तक चले उस सीरियाई गृहयुद्ध में एक महत्वपूर्ण केंद्र बन गया था, जो दिसंबर में विद्रोहियों के आक्रमण में पूर्व राष्ट्रपति बशर अल-असद के पतन के साथ समाप्त हो गया।
असद की सेना ने 2020 में विपक्ष के कब्जे से इस क्षेत्र को अपने नियंत्रण में ले लिया था। घरों को लूटा गया और ध्वस्त कर दिया गया। ऊपर से ली गयी क्षेत्र की तस्वीरों में कई घर अभी भी दिखाई दे रहे हैं, लेकिन उनकी छतें नहीं हैं।
अब निवासी वापस आकर पुनर्निर्माण करने लगे हैं। पुनर्निर्माण परियोजना के दौरान पत्थर के रास्ते पाए गए जो प्राचीन कब्रों की मौजूदगी का संकेत देते हैं।
निवासियों ने पुरावशेष निदेशालय को इसकी सूचना दी, जिसने स्थल का निरीक्षण करने और उसे सुरक्षित करने के लिए एक विशेष टीम भेजी।
जमीन के ऊपर यह एक रिहायशी इलाका है जिसमें सिंडर-ब्लॉक की इमारतों की कतारें हैं, जिनमें से कई युद्ध में क्षतिग्रस्त हो गई थीं।
इदलिब में पुरावशेषों के निदेशक हसन अल-इस्माइल ने कहा, ‘क्रॉस और मिट्टी के बर्तनों और कांच के टुकड़ों की उपस्थिति के आधार पर कहा जा सकता है कि यह मकबरा बीजान्टिन काल का है।’
मध्ययुगीन काल में रोमन साम्राज्य का एक महत्वपूर्ण हिस्सा ‘बीजान्टिन साम्राज्य’ साम्राज्य चौथी शताब्दी में पश्चिम में रोमन साम्राज्य के पतन के बाद अस्तित्व में आया और 1453 में ओटोमन साम्राज्य द्वारा इसका पतन किए जाने तक चला। इसे ‘पूर्वी रोमन साम्राज्य’ भी कहा जाता था और इसके अंतर्गत भूमध्य सागर के पूर्वी हिस्से, वर्तमान तुर्की, दक्षिणी स्पेन और इटली के बड़े क्षेत्र आते थे। इस साम्राज्य की राजधानी कुस्तुन्तुनिया (आज का इस्तांबुल) थी तथा ईसाई धर्म इसका आधिकारिक धर्म था।
पुरावशेषों के निदेशक हसन अल-इस्माइल ने कहा कि यह खोज क्षेत्र में पहले से ही मौजूद पुरातत्व स्थलों के समृद्ध संग्रह में इजाफा करेगी।
अल-इस्माइल ने कहा, ‘इदलिब में सीरिया के एक तिहाई स्मारक हैं, जिनमें एक प्राचीन शहर के अलावा 800 पुरातात्विक स्थल भी शामिल हैं।’
एपी शुभम मनीषा
मनीषा