नयी दिल्ली, नौ जून (भाषा) भुगतान-आधारित केबल टीवी कनेक्शन वाले घरों की संख्या 2018 के मुकाबले चार करोड़ घटकर वर्ष 2024 में 11.1 करोड़ रह गई। ऐसी स्थिति में स्थानीय केबल ऑपरेटरों ने अनुमानित तौर पर 1.14 लाख से 1.95 लाख तक रोजगार की कटौती कर दी।
उद्योग निकाय ऑल इंडिया डिजिटल केबल फेडरेशन (एआईसीपीडीएफ) और ईवाई इंडिया की एक संयुक्त रिपोर्ट में ये निष्कर्ष पेश किए गए हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक, स्थानीय केबल ऑपरेटरों की तरफ से दिए जाने वाले रोजगार में 2018 से 2024 के दौरान 31 प्रतिशत की गिरावट आई। 2018 में इन कनेक्शनों की संख्या 15.1 करोड़ थी जो घटकर 2024 में 11.1 करोड़ रह गई।
केबल टीवी कनेक्शन वाले घरों में गिरावट की मुख्य वजह डिजिटल माध्यमों पर उपलब्ध सामग्रियों की खपत में बढ़ोतरी है। इसके अलावा मुफ्त डीटीएच सेवाओं की पेशकश ने भी इसमें अहम भूमिका निभाई है।
यह रिपोर्ट नवंबर और दिसंबर 2024 के बीच देशभर के 28,181 केबल ऑपरेटरों के बीच कराए गए सर्वेक्षण पर आधारित है। केबल ऑपरेटरों ने सामूहिक रूप से 37,835 कर्मचारियों की संख्या में कटौती की सूचना दी।
दूरसंचार नियामक ट्राई के आंकड़ों से पता चलता है कि भारत में लगभग 85,000 पंजीकृत स्थानीय केबल ऑपरेटर हैं जबकि एआईडीसीएफ के 12 सदस्यों का दावा है कि उनसे कुल 1.62 लाख ऑपरेटर जुड़े हुए हैं।
अखिल भारतीय स्तर पर रोजगार में आई गिरावट का अनुमान लगाने पर यह कटौती 1.14 लाख से लेकर 1.95 लाख के बीच हो सकती है।
करीब 93 प्रतिशत केबल ऑपरेटरों ने अपने ग्राहक आधार में गिरावट और 49 प्रतिशत ने अपनी मासिक आय में गिरावट की सूचना दी। इसके अलावा, 35 प्रतिशत ऑपरेटरों ने 2018 के बाद से ग्राहक आधार 40 प्रतिशत से अधिक गिरने की बात कही।
एआईडीसीएफ के अध्यक्ष और डेन नेटवर्क के मुख्य कार्यपालक अधिकारी एस एन शर्मा ने सभी संबंधित पक्षों- प्रसारकों, नियामकों और मंत्रालय से आग्रह किया है कि इस रिपोर्ट का उपयोग केबल टीवी उद्योग में सुधार लाने और उसे फिर से विकसित करने के लिए किया जाए।
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