नयी दिल्ली, नौ जून (भाषा) अग्रणी वाहन विनिर्माता मारुति सुजुकी इंडिया के चेयरमैन आर सी भार्गव ने सोमवार को कहा कि कंपनी के उत्पादन पर दुर्लभ खनिज तत्वों की कमी का अब तक कोई प्रभाव नहीं पड़ा है।
भार्गव का यह बयान चार अप्रैल से चीनी सरकार द्वारा दुर्लभ खनिज तत्वों और संबंधित चुंबक के निर्यात पर लगाए गए प्रतिबंधों की पृष्ठभूमि में आया है। चीन ने सात दुर्लभ खनिजों और उससे बने चुंबक के लिए विशेष निर्यात लाइसेंस अनिवार्य कर दिया है।
चीन का इन विशिष्ट चुंबकों की वैश्विक प्रसंस्करण क्षमता के 90 प्रतिशत से अधिक भाग पर नियंत्रण है। इन चुंबकों का उपयोग वाहन, घरेलू उपकरणों और स्वच्छ ऊर्जा सहित कई क्षेत्रों में किया जाता है।
यह पूछे जाने पर कि क्या दुर्लभ खनिज चुंबकों की वैश्विक कमी के कारण कंपनी को उत्पादन में समस्या आ रही है, भार्गव ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘मौजूदा समय तक इसका कोई प्रभाव नहीं है।’’
उन्होंने कहा कि देश के सबसे बड़े कार विनिर्माता की उत्पादन गतिविधि योजना के अनुरूप चल रही है।
यह पूछे जाने पर कि क्या कंपनी इस समस्या के कारण अगले कुछ महीनों में उत्पादन में कमी का अंदाजा लगा रही है, उन्होंने कहा, ‘‘यदि लाइसेंस के माध्यम से भी भारत लाए जाते हैं तो कोई समस्या नहीं होगी।’’
घरेलू वाहन उद्योग ने यात्री कारों सहित विभिन्न अनुप्रयोगों में इस्तेमाल होने वाले दुर्लभ खनिज चुंबक को आयात करने के लिए चीन से अनुमोदन में तेजी लाने में सरकारी समर्थन मांगा है।
औद्योगिक सूत्रों के अनुसार, विभिन्न घरेलू आपूर्तिकर्ताओं ने पहले ही चीन में अपने स्थानीय विक्रेताओं के माध्यम से चीनी सरकार से अनुमोदन मांगा है। हालांकि, अब तक कोई अनुमोदन नहीं दिया गया है।
वाहन उद्योग सहित कई क्षेत्रों में उपयोग किए जाने वाले महत्वपूर्ण कच्चे माल की कमी के कारण कई कंपनियां समस्याओं का सामना कर रही हैं।
इन महत्वपूर्ण दुर्लभ खनिजों में सैमरियम, गैडोलिनियम, टेरबियम, डिस्प्रोसियम और लुटेटियम शामिल हैं जो इलेक्ट्रिक मोटर, ब्रेकिंग प्रणाली, स्मार्टफोन और मिसाइल तकनीक के लिए आवश्यक हैं।
भाषा राजेश राजेश रमण प्रेम
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