नयी दिल्ली, नौ जून (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने बटला हाउस में कथित अवैध निर्माण को गिराने पर तत्काल रोक लगाने से सोमवार को इनकार कर दिया।
न्यायमूर्ति गिरीश कठपालिया और न्यायमूर्ति तेजस करिया की खंडपीठ आम आदमी पार्टी (आप) के विधायक अमानतुल्लाह खान द्वारा दायर जनहित याचिका पर कार्रवाई कर रही थी। पीठ ने सोमवार शाम करीब 6.10 बजे मामला सामने आने के बाद इसे 11 जून के लिए सूचीबद्ध किया।
पीठ ने कहा, ‘‘दो मुद्दों पर दलीलें रखने के लिए याचिका को 11 जून के लिए सूचीबद्ध किया जाता है। हम इस पर (फिलहाल) रोक नहीं लगाने जा रहे हैं, क्योंकि हमें बताया गया है कि उच्चतम न्यायालय ने इसे अस्वीकार कर दिया है…।’’
जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही अदालत ने कहा कि एकल न्यायाधीश ने पहले ही कई लोगों को उनकी याचिकाओं पर अंतरिम राहत प्रदान कर दी है, लेकिन यह मामला जनहित में दायर किया गया है।
इससे पहले दिन में एकल न्यायाधीश के रूप में न्यायमूर्ति करिया ने क्षेत्र के कुछ निवासियों की याचिका पर यथास्थिति बनाए रखने का निर्देश दिया।
उन्होंने कहा कि चार जून को बटला हाउस क्षेत्र में इसी तरह के एक ढांचे के संबंध में भी ऐसी ही राहत दी गई थी और दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) को चार सप्ताह में वर्तमान याचिका पर अपना जवाब दाखिल करने को कहा।
एकल न्यायाधीश के समक्ष तीन याचिकाकर्ताओं ने डीडीए द्वारा 26 मई को जारी किए गए ध्वस्तीकरण नोटिस को चुनौती दी थी।
आप विधायक खान की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता सलमान खुर्शीद ने खंडपीठ के समक्ष कहा कि ध्वस्तीकरण की कार्यवाही 11 जून को निर्धारित है और उन्होंने अदालत से इस पर रोक लगाने का आग्रह किया।
डीडीए के वकील ने याचिका का विरोध करते हुए कहा कि याचिकाकर्ता विधायक हैं, वह प्रभावित पक्ष नहीं हैं और उच्चतम न्यायालय पहले ही कथित प्रभावित पक्षों को राहत देने से इनकार कर चुका है।
उच्च न्यायालय ने कहा कि वह 11 जून को पक्षों को सुनेगा कि क्या खंडपीठ याचिका पर विचार कर सकती है, जहां खंडपीठ में दो न्यायाधीशों में से एक ने कुछ व्यक्तियों की इसी तरह की याचिकाओं पर सुनवाई की है और कुछ राहत दी है।
भाषा आशीष माधव
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