(तस्वीर के साथ)
कानपुर (उप्र), नौ जून (भाषा) राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक मोहन भागवत ने सोमवार को विद्यार्थियों और व्यापारियों से चर्चा की तथा कहा कि ‘हमें सोचना चाहिए कि हम देश के लिए क्या कर सकते हैं।’
संवाद के दौरान आरएसएस प्रमुख ने पूछा क्या,‘‘ हम अपने जीवन में देश में निर्मित स्वदेशी उत्पादों का उपयोग करने का संकल्प ले सकते हैं?’’
उन्होंने कहा,‘‘यह ऐसा संकल्प है जो हमारे जीवन से शुरू होता है। यह संकल्प हमारे परिवार, हमारे मोहल्ले, हमारे शहर, हमारे राज्य के माध्यम से पूरे देश में स्थापित हो, हमारे देश का पैसा हमारे देश में रहे और इसका उपयोग हमारे देश के विकास के लिए हो, हमें ऐसी सोच के साथ अपना जीवन व्यतीत करना चाहिए।’’
भागवत ने कहा ,‘‘ हमारे दैनिक जीवन में देशभक्ति की भावना ही हमें और हमारे देश को आगे ले जाएगी एवं तभी देश की सर्वांगीण प्रगति संभव होगी।’’
उन्होंने यह भी पूछा ,‘‘ अगर वे छात्र हैं, तो वे कितने समय तक पढ़ते हैं? अगर वे व्यवसायी हैं, तो उनका व्यवसाय कितने समय तक चलता है? ’’
भागवत ने कहा कि आरएसएस कार्यकर्ता जो भी काम करता है, वह एक साधक के रूप में करता है।
उन्होंने कहा कि विद्यार्थी को आदर्श छात्र और दूसरों के लिए प्रेरणा का केंद्र होना चाहिए। उन्होंने पूछा कि वे प्रतिदिन संघ के काम में कितना समय देते हैं, सभी ने अपने-अपने तरीके से बताया।
सरसंघचालक ने कहा कि देश की सुरक्षा में सेना और सरकार के साथ-साथ समाज की भी बड़ी भूमिका होती है।
उन्होंने कहा, ‘‘हमें सोचना चाहिए कि हम देश के हित में क्या कर सकते हैं।’’
प्रांत प्रचार प्रमुख अनुपम ने यह जानकारी देते हुए कहा कि आज सरसंघचालक जी ने वर्ग में शिक्षार्थियों से वार्ता करते हुये उनके व्यक्तिगत जीवन पर भी चर्चा की।
भाषा सं आनन्द राजकुमार
राजकुमार