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Sunday, July 6, 2025

अमेरिका के व्यापार युद्ध को लेकर इंडोनेशिया के राष्ट्रपति और चीन के प्रधानमंत्री ने की चर्चा

Newsअमेरिका के व्यापार युद्ध को लेकर इंडोनेशिया के राष्ट्रपति और चीन के प्रधानमंत्री ने की चर्चा

जकार्ता, 26 मई (एपी) चीन के प्रधानमंत्री ली क्विंग ने रविवार को इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो से मुलाकात की और अमेरिकी वैश्विक व्यापार युद्ध के दौरान तथा आर्थिक वैश्वीकरण में आने वाली चुनौतियों के बीच व्यापार एवं निवेश में वृद्धि के तरीकों पर चर्चा की।

ली अपनी तीन दिवसीय यात्रा के तहत शनिवार दोपहर को दक्षिण-पूर्व एशिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता पहुंचे और यह इस साल उनकी पहली विदेश यात्रा का पहला पड़ाव था।

इंडोनेशिया और चीन 20 प्रमुख विकासशील देशों और उभरती अर्थव्यवस्थाओं के समूह के साथ ब्रिक्स के सदस्य देश हैं।

इंडोनेशिया-चीन व्यापार कार्यक्रम में अपने संबोधन के लिए ली प्रमुख 60 चीनी व्यवसायियों को लेकर आए थे। उन्होंने अपने भाषण में इस बात पर जोर दिया कि बढ़ती बाहरी चुनौतियों के बावजूद चीन की अर्थव्यवस्था ने इस साल तेजी से विकास हासिल किया है।

कार्यक्रम में ली ने कहा, ‘‘वर्तमान अंतरराष्ट्रीय स्थिति गतिरोध वाली है’’। ‘‘एकतरफावाद और संरक्षणवाद में वृद्धि हो रही है, धमकाने वाले आचरण में वृद्धि देखी जा रही है।’’ इस कार्यक्रम में सुबियांतो भी उपस्थित थे।

ली ने कहा कि इस वर्ष इंडोनेशिया के बांडुंग शहर में एशियाई और अफ्रीकी देशों द्वारा गुटनिरपेक्ष आंदोलन की अवधारणा की शुरुआत किए जाने की 70वीं वर्षगांठ है।

सुबियांतो ने अपने देश की अर्थव्यवस्था में भाग लेने, उनके लिए नौकरियों के अवसर पैदा करने, प्रौद्योगिकी हस्तांतरित किए जाने के लिए चीनी सरकार और उसकी कंपनियों के प्रति आभार व्यक्त किया।

उन्होंने चीनी व्यापारियों को इंडोनेशिया में और अधिक निवेश करने के लिए आमंत्रित किया। पिछले साल दोनों देशों के बीच व्यापार 6.1 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 147.8 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक हो गया।

ली ने कहा कि लगातार नौ वर्षों से चीन, इंडोनेशिया का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार रहा है।

जकार्ता के मर्डेका पैलेस में रविवार को सुबियांतो और ली के बीच बंद कमरे में द्विपक्षीय बैठक हुई।

ली ने अपने प्रारंभिक भाषण में कहा, ‘‘वर्तमान अंतरराष्ट्रीय स्थिति भारी उथल-पुथल का सामना कर रही है और शांतिपूर्ण विकास कई अनिश्चित और अस्थिर कारकों का सामना कर रहा है।’’

एपी यासिर मनीषा

मनीषा

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