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Sunday, July 6, 2025

तटीय कर्नाटक में बारिश से तबाही, रेड अलर्ट जारी

Newsतटीय कर्नाटक में बारिश से तबाही, रेड अलर्ट जारी

मंगलुरु (कर्नाटक), 26 मई (भाषा) कर्नाटक के तटीय क्षेत्रों में लगातार तीन दिन से जारी मूसलधार बारिश ने सोमवार को जनजीवन को बुरी तरह से अस्त-व्यस्त कर दिया जिसके कारण स्थिति की गंभीरता को देखते हुए दक्षिण कन्नड़ जिले में प्रशासन ने रेड अलर्ट जारी कर आपदा प्रतिक्रिया दलों की तैनाती की है।

भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने कहा कि कर्नाटक के तटीय इलाकों के लिए रेड अलर्ट अगले पांच दिनों तक लागू रहेगा।

मंगलुरु शहर के कई हिस्सों में जलभराव और यातायात जाम की स्थिति उत्पन्न हो गई, क्योंकि जल निकासी प्रणालियां भारी बारिश से निपटने में विफल रहीं।

अधिकारियों के अनुसार, जिले भर के पहाड़ी क्षेत्रों से भूस्खलन की मामूली घटनाएं सामने आईं।

प्रमुख जलभराव की घटनाएं मंगलुरु के कोट्टारा जंक्शन, मालेमार और महावीर सर्कल से सामने आई हैं, जबकि उरवा, मतादकानी, कुदरोलि और कोडियलबैल (पश्चिम) जैसे क्षेत्रों में मामूली जलभराव देखा गया है। इसके अलावा थोक्कुट्टू, गूडिनबाली, मरकाडा, पनमबुर और आसपास के क्षेत्रों में भी पानी भर गया है।

दक्षिण कन्नड़ के कार्यवाहक उपायुक्त आनंद के ने बताया कि लगातार बारिश के कारण सोमवार को जिले के सभी आंगनवाड़ी केंद्र बंद कर दिए गए हैं। भारत मौसम विभाग (आईएमडी) ने तटीय क्षेत्र में अगले 48 घंटों तक भारी बारिश जारी रहने का अनुमान जताया है।

जिला प्रशासन के अनुसार, पिछले 24 घंटों में कई क्षेत्रों में बारिश का आंकड़ा 150 मिमी को पार कर गया, जिसमें सुल्लिया के बेल्लारे में सबसे अधिक 200.5 मिमी बारिश दर्ज की गई, इसके बाद बंटवाल के सरपडी और पुत्तूर के बेलांदूर में 190 मिमी बारिश दर्ज की गई।

बिगड़ते हालात को देखते हुए राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की एक टीम पुत्तूर में तैनात की गई है, जबकि राज्य आपदा मोच बल (एसडीआरएफ) की दो टीमें मंगलुरु और सुब्रह्मण्य में तैनात की गई हैं। अधिकारियों को हाई अलर्ट पर रहने का निर्देश दिया गया है।

प्रशासन ने स्थानीय निकायों और पंचायत विकास अधिकारियों को तत्काल निवारक और राहत उपाय करने के निर्देश भी दिए हैं।

अधिकारियों ने बताया कि कुमता के पास उत्तर कन्नड़ जिले के कुछ हिस्सों में भूस्खलन की भी सूचना मिली है और बेलथांगडी के आसपास नदियों में जल स्तर बढ़ रहा है, जिससे निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा पैदा हो गया है।

भाषा

योगेश नरेश

नरेश

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