देहरादून, 11 जून (भाषा) उत्तराखंड में नेपाल सीमा से सटे 40 गांवों को ‘वाइब्रेंट विलेज 2.0’ कार्यक्रम के तहत पुनरोद्धार के लिए चुना गया है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी।
उत्तराखंड की अपर सचिव और प्रदेश में वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम की नोडल अधिकारी अनुराधा पाल ने बताया कि ये गांव उत्तराखंड के तीन जिलों-चंपावत, पिथौरागढ़ और उधमसिंह नगर में छह विकास खंडों में स्थित है।
उन्होंने बताया कि केंद्र के दिशा निर्देशों के अनुरूप इन गांवों के पुनरोद्धार के लिए एक कार्ययोजना बनाई जा रही है जिसके लिए संबंधित जिला प्रशासनों से सुझाव मांगे गए हैं।
पाल ने बताया कि उन्हें चयनित गांवों में आजीविका विकास, आवास, आल वेदर सड़क संपर्क, संचार नेटवर्क, टेलीविजन कनेक्टिविटी, बिजली, खेती, बागवानी, शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यटन और स्वयं सेवी समूहों के लिए प्रोत्साहन योजनाओं के प्रस्ताव देने को कहा गया है।
उत्तराखंड की 275 किलोमीटर लंबी सीमा नेपाल के साथ लगती है।
पाल ने बताया कि उत्तराखंड के चमोली, पिथौरागढ़ और उत्तरकाशी जिलों में चीन सीमा के पास स्थित 51 गांवों को कार्यक्रम के पहले चरण के तहत चयनित किया गया था।
उन्होंने बताया कि इन गांवों के लोगों के रहन-सहन के स्तर को उठाने तथा उन्हें अपने मूल स्थानों में रहने के लिए प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से 186.16 करोड़ रुपये की 184 परियोजनाओं की शुरूआत की गयी थी। पाल ने बताया कि इनमें से 162 परियोजनाओं पर काम चल रहा है।
भाषा
दीप्ति, रवि कांत
रवि कांत