जयपुर, 26 मई (भाषा) राज्यपाल हरिभाऊ बागडे ने कहा कि शिक्षा जीवन को गढ़ती है और विश्वविद्यालय शिक्षा के प्रसार के वाहक बनें।
राज्यपाल ने यह भी कहा कि भारतीय सशस्त्र बलों के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ से पूरी दुनिया में भारत की साख बढ़ी है।
बागडे यहां एक निजी विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि निजी क्षेत्र की शिक्षा प्रसार में महती भूमिका है और वे राष्ट्रोत्थान में सहभागी बनकर गुणात्मक शिक्षा के प्रसार के संवाहक बनें।
आधिकारिक बयान के अनुसार, उन्होंने कहा कि भारत आरंभ से ही पश्चिम के ज्ञान से बहुत आगे रहा है। पर अंग्रेजी शिक्षा पद्धति ने हमें हमारे ज्ञान से निरंतर दूर किया है।
राज्यपाल ने नई शिक्षा नीति को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि यह भारतीयता से ओतप्रोत संस्कारमय समाज का निर्माण करने वाली है। उन्होंने विश्वविद्यालय में शिक्षकों को आदर्श आचरण के साथ नवीनतम ज्ञान से अपडेट रहने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि विद्यार्थी विश्वविद्यालय में प्राप्त ज्ञान और शिक्षा का उपयोग ‘विकसित भारत’ के लिए करें।
उन्होंने शिक्षा को पवित्र कार्य बताते हुए कहा कि इसमें व्यावसायिकता की बजाय समाजोत्थान को सर्वोपरि रखते हुए काम किए जाएं। उन्होंने गरीब, पिछड़े और प्रतिभावान हर वर्ग के बच्चों के लिए उच्च शिक्षा के बेहतर अवसर प्रदान करने में निजी क्षेत्र को महती भूमिका निभाने पर जोर दिया।
बागडे ने कहा कि शिक्षा का ध्येय बच्चों की बौद्धिक क्षमता को बढ़ाना है, लेकिन नकल करके पास हो जाना या रटना शिक्षा नहीं है। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति में सीखने में विद्यार्थी की स्वतंत्रता को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गयी है।
राज्यपाल ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के जरिए हमारे देश ने विश्वभर को यह बता दिया है कि दृढ़ इच्छा शक्ति, से भारत ने पूर्ण युद्ध छेड़े बिना ही आतंकवाद पर सीधे प्रहार किया है। उन्होंने कहा कि इससे पूरी दुनिया में भारत की साख बढ़ी है और देश के नागरिकों को मां भारती और भारतीय सेना पर गर्व है।
राज्यपाल ने कहा कि भारतीय सेना की शौर्य गाथाओं और राष्ट्र के महापुरुषों के आलोक में विश्वविद्यालय नई शिक्षा नीति के तहत इस तरह के पाठ्यक्रम बनाएं कि युवा पीढ़ी राष्ट्रीय गौरव से प्रत्यक्ष रूप से जुड़ सके।
भाषा पृथ्वी
संतोष
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