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Saturday, July 12, 2025

विश्व को बर्बर आतंकवाद के खिलाफ एक स्वर में बोलना चाहिए: रविशंकर प्रसाद

Newsविश्व को बर्बर आतंकवाद के खिलाफ एक स्वर में बोलना चाहिए: रविशंकर प्रसाद

पेरिस, 26 मई (भाषा) भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद ने कहा कि भारत शांति और सौहार्द चाहता है, लेकिन निर्दोष भारतीयों की जान की कीमत पर नहीं और जहां तक ​​राज्य प्रायोजित बर्बर आतंकवाद का सवाल है, दुनिया को एक स्वर में बोलना चाहिए। प्रसाद की अगुवाई में सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल ने पेरिस से छह देशों की यूरोप यात्रा शुरू की।

नौ सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल फ्रांस में अपनी यात्रा के प्रथम चरण के दौरान सीनेट और नेशनल असेंबली के सदस्यों, थिंक टैंक और भारतीय प्रवासियों के विभिन्न वर्गों के साथ विचार-विमर्श करेगा।

प्रतिनिधिमंडल की फ्रांसीसी सांसदों के साथ भी बैठकें निर्धारित हैं।

बैठकों से पहले प्रसाद ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘हमारा पूरा मुद्दा बहुत स्पष्ट है: भारत शांति और सौहार्द चाहता है, लेकिन निर्दोष भारतीयों के जीवन की कीमत पर नहीं।’’

उन्होंने कहा कि पहलगाम जैसे बर्बर हमलों की कीमत चुकानी पड़ेगी और जहां तक ​​आतंकवाद का सवाल है, तो पूरी दुनिया को एक स्वर में बोलने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि आतंकवाद एक वैश्विक खतरा है, एक ‘वैश्विक कैंसर’ है।

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि फ्रांस, ब्रिटेन और बेल्जियम सहित यूरोपीय देश भी आतंकवाद के शिकार हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘अगर आप हमला करते रहेंगे तो प्रधानमंत्री (नरेन्द्र) मोदी के शासन में आपको इसकी कीमत चुकानी होगी। और, आतंकवाद के प्रति पाकिस्तान का लगाव अब सरकार तथा आतंकवादी के बीच के अंतर को पूरी तरह से खत्म कर रहा है। पाकिस्तान की सरकार नीति के रूप में आतंकवाद को बढ़ावा दे रही है।’’

बहुदलीय प्रतिनिधिमंडल ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद अंतरराष्ट्रीय पहुंच कार्यक्रम का सातवां समूह है, जिसमें सांसद दग्गुबाती पुरंदेश्वरी, प्रियंका चतुर्वेदी, गुलाम अली खटाना, डॉ. अमर सिंह, समिक भट्टाचार्य और एम. थंबीदुरई तथा पूर्व केंद्रीय मंत्री एम. जे. अकबर और पूर्व उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार राजदूत पंकज सरन शामिल हैं।

अकबर ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत विश्व शांति के लिए सबसे बड़े खतरे के खिलाफ लड़ाई में अग्रणी बन गया है, और मैं विश्व शांति के लिए सबसे बड़े खतरे के खिलाफ अपने शब्दों का चयन सावधानी से करता हूं, जो परमाणु शक्ति और परमाणु शक्ति का नियंत्रण अपने हाथों में रखने वाले सैन्य लोगों द्वारा समर्थित बर्बर आतंकवाद है। यह एक ऐसा खतरा है, जिसके बारे में अगर दुनिया नहीं जागती है, अगर दुनिया सही से नहीं समझती है, तो सरकारें अपने ही लोगों के साथ अन्याय कर रही होंगी।’’

राजदूत सरन ने रक्षा और सुरक्षा सहित सभी क्षेत्रों में भारत तथा फ्रांस के बीच मजबूत द्विपक्षीय संबंधों का उल्लेख किया।

उन्होंने कहा, ‘‘फ्रांस भारत के सबसे भरोसेमंद, विश्वसनीय और मजबूत साझेदारों में से एक है, आज नहीं बल्कि पिछले कई दशकों से। आतंकवाद का मुकाबला और सैन्य एवं रक्षा सहयोग इस सहयोग के सबसे बुनियादी स्तंभों में से एक हैं।’’

सरन ने कहा, ‘‘इसलिए, जब भारत-फ्रांस संबंधों की बात आती है, तो यह वास्तव में सुरक्षा मामलों पर इतना मजबूत है कि यह वास्तव में भारतीय वैश्विक जुड़ाव के लिए एक बड़ा वरदान है।’’

फ्रांस के अलावा प्रतिनिधिमंडल ब्रिटेन, जर्मनी, यूरोपीय संघ, इटली और डेनमार्क की भी यात्रा करेगा।

भाषा नेत्रपाल नरेश

नरेश

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