ऑस्टिन, 13 जून (एपी) अमेरिका में आप्रवासियों के खिलाफ छापेमारी के खिलाफ पूरे देश में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। इस सप्ताह के अंत में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ बड़े पैमाने पर होने वाले विरोध प्रदर्शनों के मद्देनजर विभिन्न शहरों में अधिकारियों ने कमर कस ली है।
आव्रजन एवं सीमाशुल्क प्रवर्तन एजेंसी के खिलाफ हो रहे कई विरोध प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहे हैं, हालांकि कुछ जगहों पर प्रदर्शनकारियों की पुलिस से झड़प की खबरें आई हैं। इस सिलसिले में सैंकड़ों लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
लॉस एंजिलिस में अधिकारी आप्रवासन कानूनों को लागू करने के लिए तेजी से कदम उठा रहे हैं, जिसके खिलाफ हो रहे विरोध प्रदर्शनों के मद्देनजर ट्रंप ने लॉस एंजिलिस में नेशनल गार्ड के लगभग 4000 सैनिकों और 700 नौसैनिकों को तैनात करने का आदेश दिया है।
एक अपीलीय अदालत ने संघीय न्यायाधीश के उस आदेश पर अस्थायी रूप से रोक लगा दी है, जिसमें ट्रंप से कहा गया था कि वह नेशनल गार्ड के सैनिकों की तैनाती का अधिकार कैलिफॉर्निया को वापस करें।
न्यायाधीश ने कहा था कि सैनिकों की तैनाती अवैध है।
व्हाइट हाउस ने इस आदेश को “अभूतपूर्व” बताया और कहा कि इससे “हमारे बहादुर संघीय अधिकारियों के सामने खतरा पैदा होगा।”
संघीय सरकार ने तुरंत इस आदेश के खिलाफ अपील दायर की थी।
अपीलीय अदालत ने कहा कि वह 17 जून को इस मामले पर सुनवाई करेगी।
हिंसक प्रदर्शनों के कारण अधिकारियों को लास एंजिलिस और स्पोकेन में कर्फ्यू लगाना पड़ा। टेक्सास और मिसौरी के रिपब्लिकन गवर्नरों ने नेशनल गार्ड सैनिकों को तैनात किया है ताकि वे अपने राज्यों में प्रदर्शनों को नियंत्रित करने में कानून प्रवर्तन एजेंसियों की मदद कर सकें।
कार्यकर्ता शनिवार को वाशिंगटन डीसी में ट्रंप की निर्धारित सैन्य परेड के दौरान देश भर में “नो किंग्स” नाम से विरोध प्रदर्शन आयोजित करने की योजना बना रहे हैं।
ट्रंप प्रशासन ने कहा है कि आप्रवासियों के खिलाफ छापेमारी और उन्हें निर्वासित करने की प्रक्रिया जारी रहेगी।
एपी जोहेब नरेश
नरेश