(फाइल फोटो के साथ)
बेंगलुरु, 13 जून (भाषा) कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान से कर्नाटक के आम के किसानों की मदद करने का शुक्रवार को आग्रह किया।
उन्होंने केंद्रीय मंत्री को पत्र लिखकर उनका ध्यान कर्नाटक में आम किसानों के समक्ष उत्पन्न ‘‘गंभीर संकट’’ की ओर आकर्षित किया है क्योंकि वर्तमान फसल सत्र के दौरान बाजार में आम की कीमतों में तेजी से असहनीय गिरावट आई है।
सिद्धरमैया ने पत्र में लिखा, ‘‘ आम कर्नाटक की प्रमुख बागवानी फसलों में से एक है जिसकी खेती लगभग 1.39 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में की जाती है। इस रबी सत्र में इसका उत्पादन 8-10 लाख मीट्रिक टन होने का अनुमान है, खासकर बेंगलुरु ग्रामीण, बेंगलुरु शहरी, चिक्काबल्लापुरा, कोलार और बेंगलुरु दक्षिण जिलों में….।’’
उन्होंने कहा कि मई से जुलाई के फसल के चरम महीनों के दौरान, बाजार में भारी आवक के कारण कीमतों में भारी उतार-चढ़ाव हुआ है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बाजार कीमतें जो पहले 12,000 रुपये प्रति क्विंटल के आसपास थीं अब घटकर 3,000 रुपये प्रति क्विंटल रह गई हैं, जबकि कर्नाटक राज्य कृषि मूल्य आयोग ने खेती की लागत 5,466 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित की है।
उन्होंने कहा, ‘‘ उत्पादन लागत और बाजार से मिलने वाली कीमत के बीच इस असंतुलन ने कृषक समुदाय के लिए गंभीर संकट खड़ा कर दिया है।’’
सिद्धारमैया ने कहा, ‘‘ इस गंभीर स्थिति को देखते हुए, मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि तत्काल नीतिगत प्रतिक्रिया के रूप में, आमों के लिए बाजार हस्तक्षेप योजना (एमआईएस) के तहत मूल्य कमी भुगतान योजना (पीडीपीएस) को लागू करने के लिए शीघ्र कदम उठाए जाएं।’’
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने आंध्र प्रदेश के अपने समकक्ष चंद्रबाबू नायडू को भी पत्र लिखा और उनसे अपने राज्य के चित्तूर जिले में कर्नाटक से ‘‘ तोतापुरी आमों ’’ के प्रवेश पर प्रतिबंध हटाने का आग्रह किया है।
भाषा निहारिका मनीषा
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