नयी दिल्ली, 13 जून (भाषा) वाम दलों ने शुक्रवार को ईरान पर इजराइल के हमले की निंदा की और कहा कि इससे व्यापक क्षेत्रीय संघर्ष भड़कने तथा पश्चिम एशिया के गहरी अस्थिरता की चपेट में आने की आशंका है।
उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि वह इस हमले की निंदा करने के साथ ही इजराइल को अपना सैन्य अभियान रोकने के लिए कहे।
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने इजराइल द्वारा जारी सैन्य अभियान को तत्काल रोकने की मांग की।
उसने एक बयान में कहा, ‘‘माकपा ईरान पर इजराइली हमले की कड़ी निंदा करती है और सैन्य अभियान को तत्काल रोकने की मांग करती है। यह कृत्य एक बार फिर दर्शाता है कि इजराइल एक मनमाने देश की तरह व्यवहार कर रहा है, पश्चिम एशिया के देशों पर अपनी इच्छानुसार हमले कर रहा है और अंतरराष्ट्रीय कानूनों और संधियों का उल्लंघन कर रहा है।’’
माकपा ने आरोप लगाया, ‘‘ इसका उद्देश्य पूरे पश्चिम एशियाई क्षेत्र पर इज़राइल के आधिपत्य का दावा करना प्रतीत होता है।’’
उसने कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को इजराइल की आक्रामकता पर लगाम लगाने के लिए बिना देर किए हस्तक्षेप करना चाहिए तथा भारत सरकार को इस हमले की वैश्विक निंदा में खुद को भी शामिल करना चाहिए और इजराइल से अपने सैन्य अभियानों को तुरंत बंद करने का आग्रह करना चाहिए।
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) लिबरेशन ने भी इजराइली आक्रमण की निंदा की।
उसने कहा, ‘‘यह क्षेत्रीय साम्राज्यवादी प्रभुत्व स्थापित करने, पश्चिम एशिया को अस्थिर करने और व्यापक संघर्ष को भड़काने के लिए अमेरिकी-इजराइल गठजोड़ की एक सोची-समझी रणनीति का हिस्सा है।’’
भाकपा (माले) लिबरेशन ने एक बयान में कहा, ‘‘गाजा में किए जा रहे नरसंहार के बीच बढ़ते वैश्विक अलगाव और घरेलू असंतोष का सामना कर रहा धुर दक्षिणपंथी नेतन्याहू शासन अब ईरान को निशाना बनाकर और लेबनान, यमन, सीरिया को और कार्रवाई की धमकी देकर संघर्ष को बढ़ाने का प्रयास कर रहा है।’
ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक ने कहा कि इजराइल के हमले से वैश्विक शांति और स्थिरता को खतरा है।
पार्टी ने दावा किया कहा, ‘‘संयुक्त राष्ट्र एक बार फिर ऐसी शत्रुतापूर्ण कार्रवाई को रोकने में अपनी जिम्मेदारी निभाने में विफल रहा है।’’
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