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Thursday, August 21, 2025

कर्नाटक में ‘ठग लाइफ’ की रिलीज संबंधी याचिका पर राज्य सरकार से न्यायालय का जवाब तलब

Newsकर्नाटक में ‘ठग लाइफ’ की रिलीज संबंधी याचिका पर राज्य सरकार से न्यायालय का जवाब तलब

नयी दिल्ली, 13 जून (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को कर्नाटक सरकार से उस याचिका पर जवाब मांगा, जिसमें कमल हासन की फिल्म ‘ठग लाइफ’ की राज्य के सिनेमाघरों में प्रदर्शन के विरुद्ध कथित धमकियों के मद्देनजर सुरक्षा की गुहार लगाई गई है।

न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा और न्यायमूर्ति मनमोहन की पीठ ने हासन-अभिनीत और मणिरत्नम द्वारा निर्देशित तमिल फीचर फिल्म ‘ठग लाइफ’ की स्क्रीनिंग पर कर्नाटक में प्रतिबंध को चुनौती देने वाली एम. महेश रेड्डी की याचिका पर नोटिस जारी किया।

इस मामले की सुनवाई मंगलवार को होगी।

रेड्डी ने अधिवक्ता ए वेलन के जरिये दायर अपनी याचिका में दलील दी कि फिल्म को केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) द्वारा प्रमाण पत्र दिए जाने के बावजूद, राज्य सरकार ने मौखिक निर्देशों और पुलिस हस्तक्षेप के माध्यम से कथित तौर पर बिना किसी आधिकारिक निषेधाज्ञा या प्राथमिकी दर्ज किए सिनेमाघरों में इसके प्रदर्शन को रोका है।

वेलन ने दलील दी कि राज्य सरकार द्वारा की गई ऐसी कार्रवाई संविधान के अनुच्छेद 19(1)(ए) के तहत अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर असंवैधानिक प्रतिबंध है।

पीठ ने वेलन की दलील को रिकॉर्ड पर लिया और कहा, ‘‘याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील ने दलील दी है कि सीबीएफसी द्वारा प्रमाणित तमिल फीचर फिल्म ‘ठग लाइफ’ को कर्नाटक राज्य के सिनेमाघरों में प्रदर्शित करने की अनुमति नहीं है। हिंसा की धमकी के तहत तथाकथित प्रतिबंध किसी कानूनी प्रक्रिया से नहीं, बल्कि सिनेमा हॉल के खिलाफ आगजनी की स्पष्ट धमकियों और भाषाई अल्पसंख्यकों को लक्षित करके बड़े पैमाने पर सांप्रदायिक हिंसा भड़काने सहित आतंक के एक जानबूझकर अभियान से उपजा है।’’

याचिका की प्रति राज्य सरकार के स्थायी वकील को सौंपे जाने का निर्देश देते हुए पीठ ने कहा, ‘‘मामले में दिखाई गई तात्कालिकता और संबंधित मुद्दे पर विचार करते हुए प्रतिवादियों को नोटिस जारी किया जाता है, जिसका जवाब 17 जून, 2025 तक दिया जाना है।’’

याचिका में कहा गया है, ‘‘धमकी का यह दौर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता (अनुच्छेद 19(1)(ए) और किसी भी पेशे को अपनाने के मौलिक अधिकारों (अनुच्छेद 19(1)(जी) का सीधा, खुला उल्लंघन है। इससे भी गंभीर बात यह है कि यह राज्य के धर्मनिरपेक्ष ताने-बाने और सार्वजनिक व्यवस्था पर एक सुनियोजित हमला है।’’

शीर्ष अदालत ने नौ जून को कर्नाटक के सिनेमाघरों में फिल्म के प्रदर्शन को लेकर कथित धमकियों से सुरक्षा का अनुरोध करने वाली एक थिएटर एसोसिएशन की याचिका पर तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया था।

इसने कर्नाटक के थिएटर एसोसिएशन से इसके बजाय कर्नाटक उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने को कहा था।

‘ठग लाइफ’ पांच जून को देश भर के सिनेमाघरों में रिलीज हुई।

भाषा सुरेश दिलीप

दिलीप

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