चंडीगढ़, 14 जून (भाषा) पंजाब में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) और मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने देश में एक साथ चुनाव कराने के विचार का शनिवार को कड़ा विरोध किया।
राज्य के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने इसे संविधान के मूल ढांचे और भावना पर सीधा हमला बताया है।
‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ पर संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के साथ यहां हुई बैठक में कांग्रेस की पंजाब इकाई के नेताओं ने भी इस विचार के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया।
बैठक में भाग लेने के बाद चीमा ने कहा कि उन्होंने और आप के प्रदेश अध्यक्ष अमन अरोड़ा ने ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ के कदम को पूरी तरह से खारिज कर दिया है।
चीमा ने कहा, ‘‘ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार का यह प्रस्ताव एक गुप्त एजेंडा है, जिसका उद्देश्य भारत के संविधान में निहित राष्ट्र के संघीय ढांचे को नष्ट करना है, जिसे बाबा साहेब डॉ. भीम राव आंबेडकर ने सावधानीपूर्वक तैयार किया था। ’’
प्रस्तावित विधेयक में संशोधनों का उल्लेख करते हुए चीमा ने कहा कि सुझाए गए संशोधनों से राज्य विधानसभाओं का कार्यकाल केंद्र सरकार के विवेक पर निर्भर हो जाएगा, जो संविधान में निहित संघीय ढांचे के साथ असंगत एक खतरनाक अतिक्रमण है।
उन्होंने दावा किया कि यह विधेयक केंद्र सरकार द्वारा अनुच्छेद 356 और 360 के दुरुपयोग को और बढ़ावा देगा।
चीमा ने दावा किया, ‘‘ भाजपा द्वारा प्रस्तावित एक राष्ट्र, एक चुनाव विधेयक, विभिन्न संस्कृतियों, भाषाओं और क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करने वाले तथा भारतीय लोकतंत्र की रीढ़ की हड्डी के रूप में काम करने वाले क्षेत्रीय दलों को खत्म करने का एक सोचा-समझा कदम है। ’’
इस बीच, कांग्रेस नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने संयुक्त संसदीय समिति के समक्ष इस मुद्दे को लेकर पार्टी का रुख पेश किया। कांग्रेस के इस प्रतिनिधिमंडल में राज्य इकाई के अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वडिंग और पंजाब विधानसभा में विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा भी शामिल थे।
भाषा रवि कांत रवि कांत रंजन
रंजन