नयी दिल्ली, 26 मई (भाषा) पूंजी बाजार नियामक सेबी ने सोमवार को कहा कि शेयर बाजारों में सभी इक्विटी डेरिवेटिव अनुबंधों की समाप्ति समान रूप से मंगलवार या बृहस्पतिवार तक ही सीमित होगी।
इससे वायदा एवं विकल्प अनुबंधों की समाप्ति तिथियों के बीच अंतराल को अनुकूल बनाने में मदद मिलेगी और सप्ताह के पहले या अंतिम दिन को समाप्ति तिथि के रूप में चिह्नित करने से बचा जा सकेगा।
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने एक परिपत्र में कहा कि शेयर बाजार को अब किसी भी अनुबंध की समाप्ति या निपटान तिथि शुरू करने या संशोधित करने से पहले इसकी मंजूरी लेनी होगी।
सेबी ने कहा, ‘‘बहु-एक्सचेंज ढांचे में समाप्ति तिथियों के बीच अंतराल रखने से एकाग्रता जोखिम कम हो जाता है और शेयर बाजारों को बाजार प्रतिभागियों को उत्पाद विभेदीकरण की पेशकश करने का अवसर मिलता है।’’
इसके साथ ही बाजार नियामक ने कहा कि अनुबंध समाप्ति के बहुत अधिक दिन होने से इससे जुड़ी अति सक्रियता बढ़ सकती जिससे निवेशक सुरक्षा और बाजार स्थिरता खतरे में पड़ सकती है।
सेबी ने कहा कि इन सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए किसी एक्सचेंज के सभी इक्विटी वायदा एवं विकल्प अनुबंधों की समाप्ति समान रूप से मंगलवार या बृहस्पतिवार तक ही सीमित रहेगी।
इसके साथ ही एक्सचेंज को अपने चुने हुए दिन (मंगलवार या बृहस्पतिवार) पर एक साप्ताहिक मानक सूचकांक विकल्प अनुबंध की अनुमति जारी रहेगी।
सेबी ने शेयर बाजारों को यह परिपत्र लागू करने के बारे में 15 जून तक अपना प्रस्ताव पेश करने के लिए कहा है।
मार्च की शुरुआत में सेबी ने एक परामर्श में प्रस्ताव दिया था कि एक्सचेंज में सभी वायदा एवं विकल्प अनुबंधों की समाप्ति समान रूप से मंगलवार या बृहस्पतिवार तक सीमित होनी चाहिए।
भाषा प्रेम प्रेम अजय
अजय