26.9 C
Jaipur
Thursday, August 21, 2025

छत्तीसगढ़: मुठभेड़ में मारे गए बसवराजू समेत आठ नक्सलियों का अंतिम संस्कार प्रशासन ने कराया

Newsछत्तीसगढ़: मुठभेड़ में मारे गए बसवराजू समेत आठ नक्सलियों का अंतिम संस्कार प्रशासन ने कराया

नारायणपुर, 26 मई (भाषा) छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले में मुठभेड़ में मारे गए प्रतिबंधित भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) के महासचिव बसवराजू समेत आठ नक्सलियों के शवों का अंतिम संस्कार सोमवार को पुलिस प्रशासन ने कराया। पुलिस अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि बसवराजू समेत सात नक्सलियों के शवों के लिए कोई स्पष्ट कानूनी दावा नहीं किया गया था। वहीं एक महिला माओवादी के परिजनों ने संक्रामक रोग की आशंका में जिला मुख्यालय में ही अंतिम संस्कार करने देने का अनुरोध किया था।

उन्होंने बताया कि इस महीने की 21 तारीख को नारायणपुर-बीजापुर जिले की सीमा पर बसे कुडमेल-कलहाजा-जाटलूर गांव के जंगल में हुई मुठभेड़ में मारे गए 27 नक्सलियों में से 20 के शव, दावे के सत्यापन के बाद उनके परिजनों को सौंप दिए गए।

अधिकारियों ने बताया कि मारे गए 20 नक्सलियों में से केवल कोसी उर्फ हुंगी के परिजन आज शव लेने नारायणपुर पहुंचे तथा शव के कारण संक्रामक रोग फैलने की आशंका को देखते हुए उन्होंने शव का अंतिम संस्कार नारायणपुर मुख्यालय में ही करने देने का अनुरोध किया।

उन्होंने बताया कि शेष सात नक्सलियों के शव, जिनमें सीपीआई (माओवादी) के महासचिव बसवराजू का शव भी शामिल था, के लिए कोई स्पष्ट कानूनी दावा नहीं आया। इन आठ शवों (जिसमें कोसी का शव भी शामिल था, जिसका अंतिम संस्कार परिजनों द्वारा किया गया) का अंतिम संस्कार कार्यपालक मजिस्ट्रेट के आदेशानुसार विधिसम्मत तरीके से नारायणपुर में किया गया।

21 मई को अबूझमाड़ के जंगलों में डीआरजी के दलों ने मुठभेड़ में प्रतिबंधित संगठन सीपीआई (माओवादी) को एक बड़ा झटका देते हुए इसके महासचिव और शीर्ष नेता नंबाला केशव राव उर्फ बसवराजू उर्फ बीआर दादा उर्फ गंगन्ना समेत 27 नक्सलियों को मार गिराया था। अभियान के दौरान राज्य पुलिस के जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी) के दो जवान भी शहीद हो गए।

नक्सली नेता बसवराजू के परिवार के सदस्यों ने आरोप लगाया है कि पुलिस ने उनका शव उन्हें सौंपने से इनकार कर दिया। परिवार के सदस्यों ने शव सौंपने का निर्देश देने के लिए आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था ताकि वे अंतिम संस्कार कर सकें।

मुठभेड़ में मारे गए एक अन्य नक्सली के परिजनों ने भी इसी याचिका के साथ आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था।

आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय ने 24 मई को दोनों याचिकाओं का निपटारा करते हुए कहा कि याचिकाकर्ता मृतकों के शवों को अपने कब्जे में लेने के लिए छत्तीसगढ़ के संबंधित पुलिस अधिकारियों से संपर्क करने के लिए स्वतंत्र हैं।

छत्तीसगढ़ के महाधिवक्ता ने उच्च न्यायालय को यह भी सूचित किया था कि पोस्टमार्टम पूरा होने के बाद शवों को परिजनों को सौंप दिया जाएगा।

भाषा सं संजीव

संतोष

संतोष

संतोष

Check out our other content

Check out other tags:

Most Popular Articles