वाशिंगटन, 15 जून (एपी) मिनेसोटा में डेमोक्रेटिक पार्टी की एक प्रांतीय सीनेटर और उनके पति की हत्या, तथा एक अन्य जनप्रतिनिधि और उनकी पत्नी के घर पर गोलीबारी अमेरिका में लंबे समय से चली आ रही राजनीतिक हिंसा से जुड़ी कुछ नयी घटनाएं हैं।
पिछले दो महीनों में ही वाशिंगटन डीसी में इजराइली दूतावास के दो कर्मचारियों की हत्या की घटना सामने आईं।
पहली घटना में इजराइली बंधकों की रिहाई की मांग को लेकर कोलोराडो में आयोजित एक मार्च पर बमबारी हुई जबकि दूसरी घटना में यहूदी अवकाश के दिन पेंसिल्वेनिया के गवर्नर के आधिकारिक आवास पर बम फेंके गए जब वह और उनका परिवार घर के अंदर थे।
इसी तरह पिछले साल के अंत में न्यूयॉर्क शहर की सड़कों पर एक स्वास्थ्य सेवा अधिकारी की हत्या, पिछले साल राष्ट्रपति चुनाव प्रचार के दौरान पेंसिल्वेनिया में डोनाल्ड ट्रंप की हत्या का प्रयास, दक्षिणपंथी विचारधारा में विश्वास करने वाले एक व्यक्ति द्वारा प्रतिनिधि सभा की पूर्व अध्यक्ष नैंसी पेलोसी के पति पर 2022 में हुआ हमला भी ऐसी घटनाओं में शामिल है।
जॉर्जटाउन विश्वविद्यालय में राजनीति विज्ञानी मैट डैलेक चरमपंथ पर अध्ययन करते हैं। उन्होंने कहा, ‘हम देश में एक डरावने दौर में प्रवेश कर चुके हैं, जहां ऐसा लगता है कि हिंसा को कम करने के लिए कोई नियम नहीं रह गया है।”
राजनीति ने बड़े पैमाने पर नरसंहारों को भी बढ़ावा दिया है। 2018 में पिट्सबर्ग में यहूदियों के उपासना स्थल सिनेगॉग में 11 लोगों की हत्या करने वालों, 2019 में एल पासो में एक वॉलमार्ट में 23 दुकानदारों के हत्यारों और 2022 में बफ़ेलो किराना स्टोर में 10 अश्वेत लोगों की जान लेने वाले व्यक्तियों ने इस साजिश की आशंका का हवाला दिया कि यहूदियों का एक गुप्त गिरोह गोरे लोगों की जगह अश्वेत लोगों को लाने की कोशिश कर रहा है।
यह दक्षिणपंथी दलों के उन वर्गों का मुख्य मुद्दा बन गया है जो आव्रजन को सीमित करने के ट्रंप के प्रयास का समर्थन करते हैं।
गैर-लाभकारी संगठन ‘एंटी-डिफेमेशन लीग’ ने पाया कि 2022 से 2024 तक, अमेरिका में सभी 61 राजनीतिक हत्याएं दक्षिणपंथी चरमपंथियों ने कीं।
आतंकवाद पर शोध करने वाले ‘काउंसिल ऑन फॉरेन रिलेशंस’ के ‘फेलो’ जैकब वेयर ने कहा, ‘आप देख रहे हैं कि सभी अलग-अलग विचारधाराओं के लोग हिंसा में शामिल हो रहे हैं।”
अमेरिका में राजनीतिक हिंसा का एक लंबा और भयावह इतिहास है। राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन की हत्या, दक्षिण में अश्वेत लोगों को निशाना बनाकर की गईं हत्याएं और 1954 में संसद के अंदर प्यूर्टो रिको के चार राष्ट्रवादियों की गोलीबारी की घटना अमेरिकी इतिहास का हिस्सा हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि हालांकि पिछले कुछ वर्षों में संभवत: वैसा दौर नहीं देखा गया जैसा 1960 और 1970 के दशक के उथल-पुथल भरे दिनों में देखा गया था जब मार्टिन लूथर किंग, जूनियर, जॉन एफ कैनेडी, मैल्कम एक्स और रॉबर्ट एफ कैनेडी जैसी हस्तियों की हत्या कर दी गई थी।
वेयर ने कहा कि राजनीतिक हिंसा की घटनाओं में सबसे हालिया वृद्धि उस समय हुई जब नए ट्रंप प्रशासन ने श्वेत वर्चस्ववादी उग्रवाद पर ध्यान केंद्रित करने वाली इकाइयों को बंद कर दिया और संघीय कानून प्रवर्तन को आतंकवाद रोधी कार्रवाइयों पर कम समय लगाने और देश में अवैध रूप से रहने वाले लोगों को हिरासत में लेने पर अधिक समय देने के लिए कहा।
वेयर ने कहा, ‘‘इन छह सप्ताहों के बाद हम उस बिंदु पर पहुंच गए हैं, जहां हमें यह पूछना होगा कि ट्रंप प्रशासन आतंकवाद से कितने प्रभावी ढंग से लड़ रहा है।’’
राष्ट्रपति ट्रंप के शुरुआती कार्यों में से एक कार्य 6 जनवरी, 2021 को अमेरिकी संसद भवन पर हमले की इस सदी की सबसे बड़ी घरेलू राजनीतिक हिंसा में शामिल लोगों को क्षमा करना था। इस हमले का उद्देश्य संसद को ट्रंप की 2020 की चुनावी हार को प्रमाणित करने से रोकना था।
डैलेक ने कहा कि इन क्षमादानों से चरमपंथियों को यह संदेश गया कि अगर आप ट्रंप के समर्थक हैं, तो हिंसा करने की छूट होगी और इसके लिए आपको पुरस्कृत भी किया जा सकता है।
राजनीतिक हिंसा में जो लोग शामिल होते हैं, उनकी विचारधारा अकसर स्पष्ट रूप से परिभाषित नहीं होती। पिछले महीने पाम स्प्रिंग्स फर्टिलिटी क्लिनिक के बाहर कार बम विस्फोट करने के बाद मरने वाले एक व्यक्ति ने लोगों से संतान न पैदा करने का आग्रह करते हुए लेख लिखे थे और विचार व्यक्त किए थे, हालांकि एफबीआई ने कहा था कि ये विचार किसी विचारधारा से जुड़े नहीं थे।
मिनेसोटा हमलों में संदिग्ध के रूप में पहचाने गए 57 वर्षीय वेंस बोएल्टर नामक व्यक्ति के बारे में बहुत कम जानकारी थी। अधिकारियों का कहना है कि उन्हें ऐसे लोगों की सूची मिली है, जिन्हें निशाना बनाया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि इनमें डेमोक्रेटिक पार्टी के एक अन्य पदाधिकारी, गर्भपात क्लीनिक और गर्भपात अधिकार की वकालत करने वाले और ट्रंप विरोधी परेड के लिए विज्ञापन देने वाले लोग भी शामिल हैं।
जॉर्जटाउन विश्वविद्यालय में राजनीति विज्ञानी मैट डैलेक ने कहा कि ट्रंप देश में व्याप्त अमानवीय राजनीतिक बयानबाजी के ‘पीड़ित और उत्प्रेरक दोनों’ रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘ऐसा लगता है कि चरमपंथी सत्ता पर काबिज हैं और चरमपंथी ही हमारी राजनीति को आगे बढ़ा रहे हैं।’
एपी जोहेब आशीष
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