(कैलाश कोरडे)
मुंबई, 12 जून (भाषा) मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे पर पिछले वर्ष 19 जुलाई को ‘इंटेलिजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम’ (आईटीएमएस) के सक्रिय होने के बाद से यातायात उल्लंघन के लिए 269.47 करोड़ रुपये के 17 लाख ई-चालान काटे गये लेकिन मार्च 2025 तक वसूली मात्र नौ प्रतिशत रही। अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी।
अधिकारियों के दस्तावेजों के अनुसार, 1.51 लाख या 8.89 प्रतिशत ई-चालान का भुगतान कर दिया गया, जिससे 25.17 करोड़ रुपये की राशि प्राप्त हुई है, जो भुगतान की जाने वाली कुल राशि का 9.33 प्रतिशत है।
सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत दायर एक आवेदन से मिली जानकारी के अनुसार, महाराष्ट्र सरकार ने पिछले वर्ष 19 जुलाई से 31 दिसंबर के बीच जारी किए गए 8.84 लाख ई-चालान के लिए आईटीएमएस ऑपरेटर को 57.94 करोड़ रुपये का भुगतान किया है।
महाराष्ट्र राज्य सड़क विकास निगम (एमएसआरटीसी) ने इस परियोजना का क्रियान्वयन किया है। इस एक्सप्रेसवे का निर्माण निगम ने सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल के तहत आरटीओ और राजमार्ग पुलिस के सहयोग से किया है।
राज्य परिवहन विभाग ने 100 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली इस परियोजना के लिए सड़क सुरक्षा कोष से 45 करोड़ रुपये की व्यवहार्यता अंतर निधि दी है।
निगम ने आईटीएमएस के हिस्से के रूप में 40 लोहे के ढांचे और सैकड़ों सीसीटीवी, जिसमें गति का पता लगाने वाले कैमरे, वाहन में भार का पता लगाने वाले सेंसर, मौसम सेंसर, एक कमांड एवं नियंत्रण कक्ष और एक्सप्रेसवे के कई स्थानों पर सहायक सुविधा केंद्र का निर्माण शामिल है।
अधिकारियों ने बताया कि यातायात के 17 नियमों के उल्लंघन के लिए ई-चालान जारी करने का प्रावधान है, लेकिन अब तक जारी किए गए चालान तय सीमा से तेज गाड़ी चलाने, बिना सीट बेल्ट के वाहन चलाना, लेन बदलना, गलत साइड से प्रवेश करना और वाहन चलाते समय मोबाइल का उपयोग करने से संबंधित हैं।
परिवहन विभाग के दस्तावेजों के अनुसार, जुलाई 2024 से मार्च 2025 के बीच आईटीएमएस प्रणाली के माध्यम से जारी किए गए 17.07 लाख ई-चालानों में से सबसे अधिक 2.81 लाख ई-चालान नवंबर 2024 में जारी किये गये थे, इसके बाद दिसंबर में 2.66 लाख और इस वर्ष जनवरी में 2.56 लाख ई-चालान जारी किये गये।
बस ऑपरेटर केएल शेट्टी ने आरटीआई दायर कर जानकारी मांगी थी, जिसके जवाब में पता चला कि जुलाई 2024 और जनवरी 2025 के बीच ऑपरेटर द्वारा 18.25 लाख ई-चालान बनाए गए लेकिन आरटीओ अधिकारियों ने केवल 12 लाख ई-चालान ही स्वीकृत किए जबकि शेष 6.25 लाख खारिज कर दिए।
एक अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर बताया कि आईटीएमएस मार्च 2024 में बिना चालान बनाने वाले उपकरणों की पूर्व स्वीकृति के शुरू हुआ था, जो केंद्रीय मोटर वाहन नियम 1989 के नियम 167 के तहत आवश्यक है।
एक अधिकारी ने बताया, “प्रणाली के शुरू होने के बाद ही स्वीकृति प्रक्रिया शुरू की गई थी। परिवहन आयुक्त को चार जुलाई, 2024 को नामित प्राधिकारी नियुक्त किया गया और उसके बाद 16 जुलाई को बिना किसी तकनीकी सत्यापन के स्वीकृति दे दी गई।”
परिवहन आयुक्त विवेक भीमनवार से बार-बार प्रयास करने के बावजूद संपर्क नहीं हो सका, जबकि ‘पीटीआई-भाषा’ द्वारा एमएसआरडीसी को भेजे गए ईमेल का कोई जवाब नहीं मिला।
ट्रांसपोर्टरों के नेता बाबा शिंदे ने बताया कि गाड़ी थोड़ी बहुत तेज चलाने के लिए चालान जारी किए जा रहे हैं, जबकि अधिकारियों से बार-बार की गई शिकायतों पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
मुंबई और पुणे को जोड़ने वाले इस एक्सप्रेसवे का उद्घाटन 2002 में हुआ था और इस पर मुख्य रूप से कार, टेम्पो, टैंकर, ट्रेलर, ट्रक और बसें दौड़ती हैं जबकि दोपहिया व तिपहिया वाहन प्रतिबंधित हैं।
भाषा जितेंद्र नरेश
नरेश