पणजी, 15 जून (भाषा) गोवा सरकार ने अनुसूचित जनजाति और अन्य पारंपरिक वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम, 2006 के तहत लंबे समय से लंबित दावों के समाधान में आदिवासी और वनवासी समुदायों को सहायता पहुंचाने के लिए रविवार को छह तालुकों में शिविरों का आयोजन किया।
मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने हाल में घोषणा की कि अधिनियम के तहत सभी लंबित मामलों का निपटारा 19 दिसंबर तक कर दिया जाएगा। यह दिवस 450 साल लंबे पुर्तगाली औपनिवेशिक शासन से गोवा की मुक्ति के उपलक्ष्य में मनाया जाता है।
एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि छह तालुकों में आयोजित शिविरों में 1,635 दावेदारों ने भाग लिया जिन्हें अपना दावे दाखिल करने तथा उन पर जरूरी कार्रवाई में सहायता प्रदान की गई।
प्रवक्ता ने कहा, ‘‘स्थानीय आदिवासी नेताओं, ग्राम स्तरीय वन अधिकार समितियों, ग्राम सभा सदस्यों और अन्य प्रमुख हितधारकों की उपस्थिति ने सुनिश्चित किया कि यह पहल जमीनी स्तर पर संचालित और परिणामोन्मुखी हो।’’
उन्होंने कहा कि शिविर सत्तारी, पोंडा, धारबंदोरा, संगुएम, कैनाकोना और क्यूपेम तालुका में लगाये गये।
सावंत ने एक बयान में कहा कि ये प्रयास प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार के नेतृत्व में जनजातीय अधिकारों को मजबूत करने, वनवासी समुदायों की रक्षा करने और यह सुनिश्चित करने के व्यापक मिशन का हिस्सा है कि विकास समावेशी, पारदर्शी और समयबद्ध हो।
भाषा राजकुमार नरेश
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