नयी दिल्ली, 15 जून (भाषा)केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को यहां केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ आगामी जनगणना की तैयारियों की समीक्षा की।
भारत की 16वीं जाति गणना जनगणना 2027 में की जाएगी, जिसकी संदर्भ तिथि लद्दाख जैसे बर्फीले क्षेत्रों में एक अक्टूबर, 2026 तथा देश के बाकी हिस्सों में एक मार्च, 2027 होगी।
एक आधिकारिक बयान के मुताबिक जनगणना कराने की अधिसूचना सोमवार को सरकारी राजपत्र में प्रकाशित की जाएगी।
इसमें कहा गया कि गृह मंत्री ने यहां केंद्रीय गृह सचिव, भारत के महापंजीयक एवं जनगणना आयुक्त मृत्युंजय कुमार नारायण और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ आगामी जनगणना की तैयारियों की समीक्षा की।
जनगणना दो चरणों में की जाएगी। पहले चरण में ‘हाउसलिस्टिंग ऑपरेशन’ (एचएलओ) के तहत प्रत्येक घर, संपत्ति और सुविधाओं के बारे में जानकारी एकत्र की जाएगी।
इसके बाद, दूसरे चरण यानी जनसंख्या आकलन (पीई) किया जाएगा जिसमें प्रत्येक घर के प्रत्येक व्यक्ति की गिनती, सामाजिक-आर्थिक, सांस्कृतिक और अन्य जानकारी एकत्रित की जाएगी।
बयान में कहा गया है कि जनगणना में जातिगत गणना भी की जाएगी।
गृह मंत्रालय के मुताबिक जनगणना गतिविधियों के लिए लगभग 34 लाख गणनाकार एवं पर्यवेक्षक तथा लगभग 1.3 लाख जनगणना पदाधिकारी तैनात किये जायेंगे।
बयान में कहा गया कि यह जनगणना भारत की16वीं तथा स्वतंत्रता के बाद की 8वीं जनगणना है।
बयान के मुताबिक आगामी जनगणना मोबाइल एप्लीकेशन का उपयोग करके डिजिटल माध्यम से की जाएगी। लोगों को स्व-गणना का प्रावधान भी उपलब्ध कराया जाएगा।
बयान में कहा गया है कि संग्रहण, प्रेषण और भंडारण के समय डेटा सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए बहुत कड़े डेटा सुरक्षा उपाय लागू किए जाएंगे।
यह जनगणना 16 वर्षों के बाद की जाएगी, क्योंकि पिछली जनगणना 2011 में की गई थी।
भाषा धीरज नरेश
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