(तस्वीरों के साथ)
पुणे, 15 जून (भाषा) महाराष्ट्र के पुणे के मावल तहसील में इंद्रायणी नदी पर बना लोहे का एक पुल रविवार अपराह्न ढह जाने से चार व्यक्तियों की मौत हो गई और 18 अन्य घायल हो गये। यह जानकारी अधिकारियों ने दी।
अधिकारियों ने बताया कि दो लोगों की बचाये जाने के बाद इलाज के दौरान मौत हो गई, जबकि दो लोगों के शव पुल के ढह गए हिस्से के नीचे से बरामद किए गए।
तलेगांव दाभाडे पुलिस थाने के वरिष्ठ निरीक्षक प्रदीप रायनवार ने देर शाम कहा, ‘‘पुल के ढहे हिस्से के नीचे से दो शव बरामद किए गए हैं, हमें संदेह है कि एक व्यक्ति वहां फंसा हुआ है। व्यक्ति का पता लगाने और उसे बचाने के प्रयास जारी हैं।’’
एक अन्य अधिकारी ने बताया कि यह घटना अपराह्न 3:30 बजे कुंदमाला इलाके में हुई, जहां पिछले कुछ दिनों से भारी बारिश हो रही है, जिससे नदी का बहाव तेज हो गया है। उन्होंने बताया कि जब पुल ढहा, तब बारिश नहीं हो रही थी और पिकनिक मनाने वाले कम से कम 100 लोग वहां मौजूद थे।
जिला प्रशासन की ओर से जारी एक बयान में बताया गया, ‘इस दुर्घटना में अब तक 38 लोगों को बचा लिया गया है, जिनमें से 18 गंभीर रूप से घायल हैं और उनका तीन अलग-अलग अस्पतालों में इलाज जारी है। इलाज के दौरान दो लोगों की मौत हो गई।’
बयान में कहा गया है कि ऐसी आपात स्थितियों से निपटने के लिए विशेष इकाई राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की टीम, साथ ही अग्निशमन विभाग, पुलिस और स्थानीय बचाव संगठनों के कर्मी बचाव और राहत प्रयासों में शामिल हैं।
महाराष्ट्र के आपदा प्रबंधन मंत्री गिरीश महाजन घटनास्थल पर बचाव कार्यों की निगरानी कर रहे थे। उन्होंने कहा कि बड़ी संख्या में पर्यटकों के वजन के कारण पुल ढह गया।
महाजन ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘पुल केवल पैदल यात्रियों के लिए था और वहां एक चेतावनी बोर्ड लगा था, जिसमें कहा गया था कि इसका इस्तेमाल दोपहिया वाहनों के लिए नहीं किया जा सकता। ऐसा लगता है कि पुल पर मौजूद लोगों ने इन निर्देशों पर ध्यान नहीं दिया, जिसके कारण यह घटना हुई।’’
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने मृतकों के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा की है।
बारिश के बीच भीड़ होने के बावजूद घटनास्थल पर पुलिस की मौजूदगी नहीं होने के बारे में पूछे जाने पर मंत्री ने कहा कि इसकी जांच की जाएगी।
उन्होंने कहा, ‘‘यह देखा गया है कि मानसून के दौरान खतरनाक स्थानों के बारे में लगातार चेतावनी दिए जाने के बावजूद लोग वहां जाकर अपनी जान जोखिम में डालते हैं। हम पर्यटकों से अपील करते हैं कि वे ऐसी जगहों पर जाकर अपनी जान जोखिम में न डालें।’’
बचाव और राहत प्रयासों के बारे में महाजन ने कहा कि पुल के ढहे हुए हिस्से को हटाने के लिए क्रेन लगायी गई हैं, जबकि इस ढहे हुए हिस्से के नीचे फंसे कुछ लोगों को बचाने के लिए बड़े पैमाने पर प्रयास किए जा रहे हैं।
भाषा अमित नरेश
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